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राजस्थान के कर्मचारी संघों की मांग, कोरोना में हमने दिया साथ, अब बजट में सरकार रखे हमारा ध्यान

locationजयपुरPublished: Jan 18, 2021 06:15:09 pm

पत्रिका राउंड टेबल टॉक: नौकरीपेशा लोगों ने कहा, हमें बजट का बेसब्री से इन्तजार

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जयपुर. सरकारी-निजी क्षेत्र के नौकरीपेशा लोगों का कहना है कि कोरोना काल में हमने सरकार के साथ डटकर काम किया। हर फैसले का स्वागत किया, हर दिशा-निर्देश का पालन किया। अब सरकार बजट में हमारा ध्यान रखे। सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्रों के नौकरीपेशा लोगों को कोरोना काल में परेशानियां झेलनी पड़ी हैं। खासकर आर्थिक। ऐसे में बजट से इस वर्ग को इस बार खास उम्मीदें हैं।
पत्रिका की ओर से शुरू की गई ‘जनता का बजट, जनता की अपेक्षा’ राउंड टेबल टॉक शृंखला की दूसरी कड़ी में बजट से ऐसी ही अपेक्षाएं सामने आईं। राउंड टेबल टॉक में नौकरीपेशा लोगों ने कहा कि जिन कर्मचारियों ने कोरोना काल में सरकार और जनता का भरपूर साथ दिया, अब सरकार बजट के जरिए उन्हें राहत दे।

ये सामने आईं खास अपेक्षाएं
– टैक्स का स्लैब बढ़ाया जाए।

– सरकार रोजगार सृजन पर ध्यान दे।
– स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाए।

– डीजल-पेट्रोल और गैस के दाम घटाए जाएं।
– महंगाई पर अंकुश लगाया जाए।
– संविदाकर्मियों को न्यूनतम मजदूरी दी जाए।
– दो वर्ष से सीज डीए जारी किया जाए।

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हर नौकरीपेशा का बजट में ध्यान रखना होगा। सरकारी कर्मचारियों का मार्च का वेतन फ्रीज कर दिया। कर्मचारियों को बजट के जरिए राहत मिलनी चाहिए।
– राजेशकुमार गुप्ता, अध्यक्ष, वाणिज्यिक कर विभागीय समिति
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संविदाकर्मियों को न्यूनतम मजदूरी दी जाए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित अन्य संविदाकर्मियों के लिए सरकार बजट में अलग से प्रावधान रखे। टैक्स का स्लैब बढ़ाना भी जरूरी है।
– गजेंद्रसिंह राठौड़, प्रदेशाध्यक्ष, अखिल राज. राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ
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बिजली की दरें लगातार बढ़ रही हैं। सोलर पावर बेहतर विकल्प है। बजट में सरकार इस पर छूट का प्रावधान करे। सरकार लोन की शर्तों में भी शिथिलता दे।

– मेघराज पंवार, अध्यक्ष, राजस्थान सचिवालय सेवा अधिकारी संघ
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सरकार न्यूनतम मजदूरी का स्लैब 18 हजार रुपए करे। संविदाकर्मियों को नियमित किया जाए। वर्ष 2017 में राज्य सरकार ने वेतन कटौती की थी, उसे बहाल किया जाए।
– तेजसिंह राठौड़, प्रदेश महामंत्री, अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ
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कोरोना के कारण निजी सेक्टर का बुरा हाल है। बेरोजगारों हुए लोगों के लिए सरकार रोजगार के अवसर तलाशे। कोरोनाकाल में जिनकी नौकरी चली गई, उनके लिए विशेष प्रावधान करे।

– कुलदीप यादव, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान वाटरवक्र्स कर्मचारी संघ
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रोजगार सृजन के लिए बजट बढ़ाना जरूरी है। अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में न्यूनतम मजदूरी बहुत कम है। इसे बढ़ाया जाए तो गांवों से शहरों की ओर पलायन भी रुकेगा।
– जीतेंद्रकुमार टांक, उद्यमी
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स्किल डवपलमेंट प्रोग्राम की जरूरत है। केंद्र व राज्य, दोनों को बजट में इस पर ध्यान देने की जरूरत है। स्टार्टअप में अपार संभानाएं हैं। इसमें सरकार रियायतें दे।

– नवीन गुप्ता, उद्यमी
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