ऐसा क्या है इस बजट घोषणा में जो राजस्थान सरकार को पूरा करने में आ गया पसीना
जयपुरPublished: Jun 16, 2018 06:17:34 pm
ऐसा क्या है इस बजट घोषणा में जो राजस्थान सरकार को पूरा करने में आ गया पसीना
ऐसा क्या है इस बजट घोषणा में जो राजस्थान सरकार को पूरा करने में आ गया पसीना
ऐसा क्या है इस बजट घोषणा में जो राजस्थान सरकार को पूरा करने में आ गया पसीना
जयपुर।
मुख्यमंत्री की ओर से विधान सभा के बजट सत्र में की गई बजट घोषणाओं में से कुछ बजट घोषणाओं को पूरा करने में सरकार और वित्त विभाग बैकफुट पर दिख रही है। ताजा मामला मुख्यमंत्री की ओर से प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में हदय रोगियों की निशुल्क एंजियोग्राफी की घोषणा से जुडा है। इस घोषणा को अमली जामा पहनाने की बात आई तो खर्च देख सरकार और वित्त विभाग के अफसरों के हाथ पैर फूलने लगे है।
अब इस घोषणा की पत्रावली वित्त विभाग से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय के बीच घूम रही है। हाल ही में बजट सत्र में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में हदय रोगियों की एंजियोग्राफी निशुल्क करने की घोषणा की थी। लेकिन जब मेडिकल कॉलेजों से निशुल्क एंजियोंग्राफी के खर्च का आंकलन किया गया तो सालाना करोडों रुपए खर्च होने का आंकलन सामने आया।
लिहाजा पत्रावली को चिकित्सा शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग को भेज दिया। अब पत्रावली वित्त विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय के बीच चल रही है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उच्च स्तर से जिस तरह के निर्देश मिलेंगे उस हिसाब से ही घोषणा की क्रियान्विती की जाएगी।
एसएमएस अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार एसएमएस अस्पताल के कॉर्डियोलॉजी विभाग में प्रतिदिन 20 से जयादा एंजियोग्राफी होती है। एक एंजियोग्राफी पर 5 हजार रुपए का खर्चा आता है। जिसमें 4 हजार का एंजियोग्राफी का सामान और 1 हजार रुपए के शुल्क की रसीद दी जाती है।
हांलाकि खर्चे का आंकलन अस्पताल की ओर से राज्य सरका को भेज दिया गया है। एसएमएस समेत अन्य सात मेडिकल कॉलेजों में निशुल्क एंजियोग्राफी के खर्च का आंकलन किया है जो काफी ज्यादा है।
मामले को उच्च स्तर पर भेज दिया है और जैसे दिशा निर्देश मिलेंगे उस हिसाब से इस घोषणा की क्रियान्विती कर दी जाएगी।
आनंद कुमार—प्रमुख शासन सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग