गौरतलब है कि जब भाटिया परिवार के सदस्यों ने जब 1 जुलाई को फांसी लगाई थी, इस घटना के समय सिर्फ भाटिया परिवार का पालतू डाग टॉमी ही था। भाटिया परिवार के सदस्यों की मौत को अभी महज 22 दिन ही हुए थे की इधर परिवार के वफादार टॉमी भी सदमे के चलते चल बसा।
बता दें कि दिल्ली में चित्तौडग़ढ़ के सावा के एक ही परिवार के सामूहिक मौत का रहस्य लगभग सुलझ सा गया था। परिवार के 11 सदस्यों की पोस्टमार्टम आने के बाद केस साफ़ हो गया था। रिपोर्ट के मुताबिक भाटिया परिवार के सभी ग्यारह सदस्यों की मौत का कारण फांसी ही बताया है। साथ ही नारायणी देवी का शव कमरे में मिला था उनकी रिपोर्ट के मुताबिक 10 सदस्यों की तरह ही नारायणी देवी की मौत फांसी पर लटकने से हुई है सामने आया था ।
पुलिस के अनुसार नारायणी देवी समेत भाटिया परिवार के सभी 10 सदस्यों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार ये आत्महत्या का ही मामला है। पुलिस ने मामले को हत्या न मानते हुए आत्महत्या ही माना है साथ ही बताया कि परिवार के कुछ लोगों के शवों फर किसी भी तरह के चोट के कोई निशान नहीं पाये गये हैं सिर्फ शवों पर कुछ खरोचें पाई गई है।
गौरतलब है कि दिल्ली के बुराड़ी के संत नगर इलाके में 1 जुलाई को एकसाथ एक ही मकान में 11 शव मिलने से सनसनी फ़ैल गई थी। जहां भाटिया परिवार के 10 सदस्यों के शव फंदे से लटके हुए मिले थे और नारायणी देवी का शव घर के ही कमरे में पड़ा मिला था।