9 बजते ही लोगों ने घरों की लाइटें बंद कर दी और दीपक की रोशनी से शहर को रोशन कर दिया। घर—आंगन के साथ बालकनी, छत, मुंडेर दीपकों की रोशनी से जगमग हो उठे। इससे पहले बच्चे, युवा और बुजुर्ग हाथेां में दिए—मोमबत्ती लेकर 9 बजने का इंतजार करते नजर आए। लोगों ने आधे घंटे पहले से ही तैयारी शुरू कर दी, जैसे ही 9 बजे, शहर दीपकों की रोशनी से जगमग हो उठा। लोगों में दीपक जलाने की होड सी मच गई। घर—आंगन के साथ लोगों ने जलते दीपकों से बालकनी, छतों को सजा दिया। कोरोना का भय दीपकों की रोशनी से गायब होता नजर आया। परकोटे के साथ बाहरी कॉलोनियां भी दीपकों की रोशनी से जगमग हो उठी। लोगों ने आतिशबाजी भी की। इस बीच लोगों ने हिन्दुस्तान जितेगा, कोरोना हारेगा… जैसे नारे भी लगाए।