जयपुर की अगर बात करें तो निजी बस आपरेटर्स ने मांगों को लेकर पहले तो जगतपुरा कार्यालय को घेर लिया और फिर अंदर बसें खड़ी करते हुए डीटीओ पैसेंजर्स को अपनी बसों की चाबी सौंप दी। हंगामा इतना बढ़ गया कि लाइसेंस के ट्रायल ट्रैक पर ले जाकर बसें खड़ी कर दी। इसके कारण आरटीओ कार्यालय के बाहर दिनभर जाम की स्थिति बनी रही। हालांकि बाद में परिवहन अधिकारियों की समझाइश के बाद जाम खुल गया लेकिन हंगामा जारी रहा।
बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन राजस्थान अध्यक्ष अनिल जैन कहा कहना है कि पिछले कोरोनाकाल में भी उन्हें बड़ा नुकसान हुआ है। वहीं इस साल भी कोरोना की दूसरी मार उन पर पड़ी है। वहीं डीज़ल के बढ़ते दामों के चलते उनका बसें चलाना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में सरकार से मांग है कि वे इस साल का पूरा टैक्स माफ करें। स्टेट कैरिज बस एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश चंद शर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार ई-चालान को बंद करके बसों के इंश्योरेंस की वैधता एक साल तक बढ़ाए।
यह महज इत्तेफाक है या सोची समझी रणनीति एक तरफ निजी बस आपरेटर्स 22 जुलाई को हड़ताल की घोषणा करते हैं तो दूसरी तरफ प्रदेश में परिवहन व्यवस्था के जिम्मेंवार अधिकारी परिवहन आयुक्त राजधानी ही छोड़ दूसरे जिले के लिए कार्यक्रम बना लेते हैं। राजधानी में एक तरफ बसों की हड़ताल के कारण हंगामा होता रहा तो दूसरी तरफ परिवहन आयुक्त जोधपुर, दूदू, किशनगढ़, ब्यावर और बालोतरा जिला परिवहन कार्यालयों निरीक्षण का दौरा करते नजर आए। परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी ने प्रादेशिक परिवहन कार्यालय जोधपुर, जिला परिवहन कार्यालय दूदू, किशनगढ़, ब्यावर और बालोतरा का निरीक्षण किया। इस मौके पर जोधपुर के तैयार हो रहे नवीन भवन और आटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का जायजा लेते हुए गुणवत्तापूर्वक शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिया। इसके बाद डीटीओ बालोतरा पहुंचकर उन्होंने नवीन कार्यालय भवन का निरीक्षण किया।