टारगेट ऑडियंस
अ पने टारगेट ऑडियंस को समझना आवश्यक है। साथ ही नए टारगेट ग्रुप को पहचानना भी बहुत जरूरी है। अपने टारगेट ऑडियंस को पहचानने के लिए आपको यहां भी मार्केट रिसर्च करना जरूरी है। क्लोथिंग स्टाइल को ध्यान में रखते हुए टारगेट ग्रुप का चयन करें। यहां आपको ग्राहकों की आवश्यकता को ध्यान में रखना होगा। साथ ही मार्केट की क्या डिमांड है, इस पर भी ध्यान देना होगा। इसके बाद ही कपड़ों को डिजाइन करें।
अ पने टारगेट ऑडियंस को समझना आवश्यक है। साथ ही नए टारगेट ग्रुप को पहचानना भी बहुत जरूरी है। अपने टारगेट ऑडियंस को पहचानने के लिए आपको यहां भी मार्केट रिसर्च करना जरूरी है। क्लोथिंग स्टाइल को ध्यान में रखते हुए टारगेट ग्रुप का चयन करें। यहां आपको ग्राहकों की आवश्यकता को ध्यान में रखना होगा। साथ ही मार्केट की क्या डिमांड है, इस पर भी ध्यान देना होगा। इसके बाद ही कपड़ों को डिजाइन करें।
बजट का चुनाव करेंबिजनेस को प्लानिंग से ही शुरू करना चाहिए, ताकि हर तरह की परिस्थितियों को मैनेज किया जा सके। इसके अलावा आपको फंडिंग सोर्स पर भी ध्यान देना होगा। आपके पास लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म खर्चों का विवरण होना चाहिए। इसके अलावा बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट्स से फंड की व्यवस्था पहले से ही करके रखें, ताकि आवश्यकता पडऩे पर आपको किसी तरह की परेशानी न हो। दरअसल, मल्टी डिजाइनर ब्रांड को स्थापित करने के लिए बजट का निर्धारण पहले से ही करना आवश्यक है। बिजनेस की शुरुआत में बहुत अधिक एक्सपेंडेचर से बचें।
ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग
बिजनेस का पूरा प्लान बनाने के बाद ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर ध्यान देने की आवश्यकता है। दरअसल, फैशन इंडस्ट्री में पहचान बनाने के लिए ब्रांडिंग और मार्केटिंग, दोनों ही महत्त्वपूर्ण पार्ट है। आपके क्लोथिंग ब्रांड का नाम यूनीक होना चाहिए, ताकि लोग उससे आसानी से जुड़ सकें और उसे बोलना भी आसान हो। ब्रांड के लिए एक अच्छा लोगो भी जरूरी होता है। ब्रांड को मार्केट में स्थापित करने के लिए स्ट्रॉन्ग मार्केटिंग पर फोकस करें।
ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग
बिजनेस का पूरा प्लान बनाने के बाद ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर ध्यान देने की आवश्यकता है। दरअसल, फैशन इंडस्ट्री में पहचान बनाने के लिए ब्रांडिंग और मार्केटिंग, दोनों ही महत्त्वपूर्ण पार्ट है। आपके क्लोथिंग ब्रांड का नाम यूनीक होना चाहिए, ताकि लोग उससे आसानी से जुड़ सकें और उसे बोलना भी आसान हो। ब्रांड के लिए एक अच्छा लोगो भी जरूरी होता है। ब्रांड को मार्केट में स्थापित करने के लिए स्ट्रॉन्ग मार्केटिंग पर फोकस करें।
प्रमोशन पर ध्यान दें
बिजनेस की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के बाद उसके प्रमोशन पर भी ध्यान देना होगा। ब्रांड के प्रमोशन के लिए प्रिंट, टेलीविजन और ऑनलाइन मीडिया जरूरी पार्ट हंै। यहां आपको कस्टमर्स के अपडेट्स मिलते रहेंगे। इसके अलावा इस बात का ध्यान रखें कि एडवरटाइजिंग प्रभावी होगी तो ही प्रमोशन तेजी से होगा। ध्यान रखें, कुछ विज्ञापन इतने प्रभावित करते हैं कि लोग एक बार ब्रांड को अवश्य ट्राई करना चाहते हैं।
बिजनेस की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के बाद उसके प्रमोशन पर भी ध्यान देना होगा। ब्रांड के प्रमोशन के लिए प्रिंट, टेलीविजन और ऑनलाइन मीडिया जरूरी पार्ट हंै। यहां आपको कस्टमर्स के अपडेट्स मिलते रहेंगे। इसके अलावा इस बात का ध्यान रखें कि एडवरटाइजिंग प्रभावी होगी तो ही प्रमोशन तेजी से होगा। ध्यान रखें, कुछ विज्ञापन इतने प्रभावित करते हैं कि लोग एक बार ब्रांड को अवश्य ट्राई करना चाहते हैं।
सीखें रिस्क मैनेजमेंट
फैशन इंडस्ट्री में आपको कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यहां हर दिन ट्रेंड बदलता रहता है। इस इंडस्ट्री में अचानक से कुछ खास तरह की फैशन एसेस्सरीज की डिमांड का बढ़ जाना, डुप्लीकेट डिजाइन का मार्केट में आना, टेक्नोलॉजी एवं इंफ्रास्ट्रेक्चर में बदलाव आना आदि परिस्थितियों से बचने के लिए रिस्क मैनेजमेंट को समझना जरूरी है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए भी बिजनेस सफल हो सकता है।
फैशन इंडस्ट्री में आपको कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यहां हर दिन ट्रेंड बदलता रहता है। इस इंडस्ट्री में अचानक से कुछ खास तरह की फैशन एसेस्सरीज की डिमांड का बढ़ जाना, डुप्लीकेट डिजाइन का मार्केट में आना, टेक्नोलॉजी एवं इंफ्रास्ट्रेक्चर में बदलाव आना आदि परिस्थितियों से बचने के लिए रिस्क मैनेजमेंट को समझना जरूरी है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए भी बिजनेस सफल हो सकता है।