लेकिन अब इस सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता रामनारायण चौधरी की बेटी रीटा चौधरी मैदान में है। रीटा चौधरी 2013 में इस सीट से विधायक बनी और फिर 2018 में वे चुनाव हार गई। अब पार्टी ने फिर रीटा चौधरी पर दांव खेला है। अब खींवसर की तरह कांग्रेस के नेताओं की निगाह इस सीट पर बनी हुई हैं कि उपचुनाव के नतीजे क्या होते हैं। क्योंकि भाजपा ने यहां तुरुप का पत्ता चलते हुए सांसद नरेन्द्र खींचड के बेटे का टिकट काट कर सुशीला सींगड़ा को मैदान में उतार दिया। अब दोनों पार्टियों की तरफ से महिला प्रत्याशी मैदान में होने के कारण मुकाबला रोचक हो गया है।
मंडावा सीट इस कारण से भी बेहद हॉट है क्योंकि यहां से कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ चन्द्रभान ने 2013 में चुनाव लडा था। लेकिन वे अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। ऐसे में इस बार भी दोनों ही पार्टियां यहां किसी भी बड़े उलटफेर से इंकार नहीं कर रही है। क्योंकि मौजूदा सांसद नरेन्द्र खींचड़ यहां से बसपा के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं।