दरअसल, प्रदेश में कई भर्तियां लंबित चल रही है तो कई चयनितों को नियुक्तियों का इंतजार है। लंबे समय से ज्ञापन देकर थक चुके बेरोजगार यहां शहीद स्मारक पर एकत्रित हुए और धरना देकर उन्होंने कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। बेरोजगारों का कहना था कि पिछले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने बेरोजगारों की मांगों को जायज माना था और उसे अपने घोषणा पत्र में शामिल भी किया था। लेकिन वे अब तक पूरी नहीं हुई है।
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के बैनर तले हुए इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे उपेन यादव ने बताया कि बेरोजगारों ने पिछले चुनावों में कांग्रेस का साथ दिया, लेकिन सरकार के गठन के बाद भी उनकी लंबित मांगें पूरी नहीं हुई है। यादव ने कहा कि यदि बेरोजगारों की मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो आगामी उपचुनाव में वे मंडावा और खींवसर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ प्रचार करेंगे। साथ ही यदि सरकार उनकी मांगों को मान लेती है तो पहले की तरह ही बेरोजगार पूरे जोर-शोर से कांगे्रस प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार-प्रसार करेंगे।
बेरोजगार और उनके परिवार होंगे एकजुट
बेरोजगारों का कहना है कि बड़ी संख्या में बेरोजगार और उनके परिवार से जुड़े लोग इन विधानसभा क्षेत्रों में रहते है और वे सभी एकजुट होकर अपनी एकता दिखाएंगे। मंगलवार को हुए प्रदर्शन के दौरान बेरोजगार विभिन्न भर्तियों से जुड़ी 14 सूत्रीय मांगों के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते नजर आए।