scriptगुटबाजी और चुनाव से बड़े नेताओं की दूरी बनी भाजपा के हार की वजह | Bye Election Factionalism Vasundhara Raje Bjp Defeat Pm Modi | Patrika News

गुटबाजी और चुनाव से बड़े नेताओं की दूरी बनी भाजपा के हार की वजह

locationजयपुरPublished: May 02, 2021 06:43:03 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

प्रदेश की तीन सीटों पर हुए उप चुनाव में दो सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। इन सीटों पर हार के लिए पार्टी में चल रही गुटबाजी और बड़े नेताओं की चुनाव प्रचार से दूरी को वजह माना जा रहा है। सवाल उठने लगे हैं कि जब राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जयपुर आकर एकजुटता का संदेश देकर गए तो फिर पार्टी ने एकजुट होकर चुनाव क्यों नहीं लड़ा ?

bjp13.jpg

भाजपा

जयपुर।

प्रदेश की तीन सीटों पर हुए उप चुनाव में दो सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। इन सीटों पर हार के लिए पार्टी में चल रही गुटबाजी और बड़े नेताओं की चुनाव प्रचार से दूरी को वजह माना जा रहा है। सवाल उठने लगे हैं कि जब राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जयपुर आकर एकजुटता का संदेश देकर गए तो फिर पार्टी ने एकजुट होकर चुनाव क्यों नहीं लड़ा ? सवाल ये भी कि जब स्टार प्रचारक भी बनाए गए तो आखिर ये चुनाव प्रचार मे गए क्यों नहीं ?
तीनों सीटों की बात की जाए तो नामांकन वाले दिन प्रभारी, केंद्रीय मंत्री, सांसद सभी जुटे, लेकिन बाद में ज्यादातर नेताओं की चुनाव प्रचार से दूरी साफ नजर आई। पश्चिमी बंगाल, पुडुचेरी, असम के चुनाव में ज्यादातर नेताओं को भेज दिया गया, जिसकी वजह से बड़ नेता चुनाव प्रचार में नहीं जुट पाए। इसे हार की सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है। यही नहीं चुनाव प्रबंधन में भी कहीं ना कहीं कमी साफ तौर पर नजर आई, जिसकी वजह से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। अब पूनियां विरोधी खेमे के लोगों को उम्मीद है कि आलाकमान उनसे से हार को लेकर स्पष्टीकरण मांगेंगे, जबकि पूनियां समर्थकों का मानना है कि बंगाल में भी पार्टी को हार मिली है, इसलिए राजस्थान के उप चुनाव की हार ज्यादा मायने नहीं रखती। वैसी भी पार्टी को यहां कोई नुकसान नहीं हुआ है। राजसमंद सीट भाजपा के पास ही रही है।
प्रचार में नहीं आई वसुंधरा राजे

भाजपा ने 30 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की थी। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी शामिल थी, मगर राजे ने प्रचार से दूरी बनाई और वो किसी भी सीट पर चुनाव प्रचार के लिए नहीं पहुंची। राजे के अलावा सह प्रभारी भारती बेन, केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, सांसद ओम माथुर, भूपेंद्र यादव, किरोड़ी लाल मीणा, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, महामंत्री भजन लाल शर्मा, किशनपाल गुर्जर ने प्रचार में नहीं पहुंचे। इसी तरह प्रभारी अरुण सिंह, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत नामांकन वाले दिन तो मौजूद रहे, लेकिन बाद में प्रचार के दौरान नजर नहीं आए।
सहाड़ा में प्रत्याशी चयन पर उठ रहे सवाल

सहाड़ा में भाजपा ने रतन लाल जाट को प्रत्याशी बनाया था। इसे लेकर कार्यकर्ता सवाल उठा रहे हैं। यहां सर्वे में लादुलाल पितलिया का नाम सबसे आगे था, लेकिन राजसमंद में वैश्य समाज से दीप्ति माहेश्वरी को प्रत्याशी बनाने की वजह से पितलिया को टिकट नहीं दिया गया। यही नहीं रतन लाल जाट की उम्र भी 70 से ज्यादा है, ऐसे में पार्टी कार्यकर्ता टिकट चयन को गलत करार दे रहे हैं।
पितलिया के ऑडियो और महाराणा प्रताप के बयान का भी नुकसान

सहाड़ा सीट पर लादुलाल पितलिया का निर्दलीय नामांकन दाखिल करना और बाद में नामांकन वापस लेना। इस प्रकरण के बाद लगातार ऑडियो वायरल होना भी भाजपा के लिए नुकसानदायक साबित हुआ। पितलिया को टिकट नहीं मिलने से पार्टी का एक खेमा भी नाराज था। वहीं राजसमंद में पार्टी को जीत तो मिली, लेकिन नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के महाराणा प्रताप को दिए बयान की वजह से राजसमंद में जीत का अंतर कम रह गया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो