सेंध मारने में जुटी भाजपा
माइनोरिटी हमेशा से ही कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक माना जाता रहा है। हालांकि भाजपा लगभग हर चुनाव में ‘सेंधमारी’ कर इस वर्ग को अपने पक्ष में लेने की जद्दोजहद में रहती है। भाजपा की इसी बढ़ती पैठ ने पार्टी को पूर्व में हुए चुनावों में जीत दिलवाने में काफी सहयोग किया है। इन उपचुनावों में भी कुछ इसी तरह की कवायद होती दिखाई दे रही है।
अल्पसंख्यक मोर्चे ने संभाली कमान
उपचुनाव में भाजपा को जीत दिलाने का दारोमदार अल्पसंख्यक मोर्चे के कंधों पर भी होगा। रविवार को ही मोर्चे के नए प्रदेश अध्यक्ष एम सादिक खान ने औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण किया है। वहीं उपचुनाव क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशियों को जिताने के लिए मोर्चा के पदाधिकारियों की तैनाती भी की गई है।
गिनाएंगे गहलोत सरकार की नाकामियाँ
अल्पसंख्यक मोर्चे के नेता-कार्यकर्ता चारों विधानसभा चुनाव क्षेत्रों में सक्रीय हो गए हैं। चुनाव के लिए नियुक्त संयोजकों की अगुवाई में मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में जाकर लोगों को गहलोत सरकार की नाकामियों के बारे में बताया जा रहा है। वहीं अल्पसंख्यकों की अनदेखी और वादाखिलाफी के बारे में भी लोगों को बताया जा रहा है। सभाओं और घर-घर जनसंपर्क के ज़रिये मुस्लिम समुदाय के लोगों से संपर्क किया जा रहा है।
कई मुद्दे उठा रहा मोर्चा
अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष एम सादिक खान के अनुसार अल्पसंख्यक मोर्चे से जुड़े नेता-कार्यकर्ता और पदाधिकारी विभिन्न मुद्दों को लेकर समुदाय के बीच जा रहे हैं। उन्हें राज्य सरकार की ओर से पहली से छठी कक्षा तक उर्दू को समाप्त करने, अल्पसंख्यक छात्रवृति बंद करने, वक्फ बोर्ड की चिह्नित सम्पतियों को भी नहीं छोड़ने सहित अन्य कई मुद्दों को लेकर लोगों के बीच जाया जा रहा है। वहीं 16 मार्च को उदयपुर में सरकार की अल्पसंख्यकों की अनदेखी के विरोध में मोर्चा की ओर से बड़ा प्रदर्शन किया जाना भी तय हुआ है।