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मंत्रिमंडल सदस्यों ने पीएम मोदी पर अंगुली उठाई, यह गरिमा के अनुकूल नहीं

locationजयपुरPublished: May 12, 2020 07:35:29 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

कोविड-19 को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को जयपुर-अजमेर के विधायकों और सांसदों के साथ वार्ता की। इस दौरान भाजपा नेताओं ने राशन में भेदभाव, कार्यकर्ताओं और नेताओं पर मुकदमें सहित कई मुद्दों को लेकर सीएम के समक्ष अपनी बात को रखा।

मंत्रिमंडल सदस्यों ने पीएम मोदी पर अंगुली उठाई, यह गरिमा के ​अनुकूल नहीं

मंत्रिमंडल सदस्यों ने पीएम मोदी पर अंगुली उठाई, यह गरिमा के ​अनुकूल नहीं

जयपुर।

कोविड-19 को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को जयपुर-अजमेर के विधायकों और सांसदों के साथ वार्ता की। इस दौरान भाजपा नेताओं ने राशन में भेदभाव, कार्यकर्ताओं और नेताओं पर मुकदमें सहित कई मुद्दों को लेकर सीएम के समक्ष अपनी बात को रखा।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने कहा कि मंत्रिमंडल के सदस्यों द्वारा पीएम पर अंगुली उठाना गरिमा के अनुकूल नहीं था। हम लोगों ने सहयोग की कोशिश की, सबसे पहले हमारे लोगों ने सीएम रिलीफ फंड में पैसा दिया, लेकिन पीएम के प्रति मंत्रिमंडल के सदस्यों ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया, उससे आपत्ति है। पूनियां ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर छह जिलों में मुकदमें दर्ज हुए हैं। हमारे कार्यकर्ताओं और दो एमएलए के खिलाफ मामले दर्ज हुए। मगर मोदी के खिलाफ बयानबाजी करने वालों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं हुआ। इस तरह की राजनीति की जरूरत नहीं है। पूनियां ने सुझाव दिया कि प्रवासी मजदूरों को सरकार रोककर एमएसएमई में प्रयोग करे। साथ ही बेरोजगार, किसानों के लिए भी उचित कदम उठाए। आयुर्वेद में राजस्थान को हब बनाया जा सकता है। पूनियां ने साफ तौर पर कहा कि हम पीएम और केंद्र का सम्मान नहीं करेंगे तो एक बड़े खतरे की तरफ बढ़ेंगे। हालांकि पूनियां की बातों को सुनने के बाद सीएम ने साफ कहा कि आपको तथ्यों के विपरित फीडबैक मिला है। कृपा करके तथ्यों को करंट कर लें फिर हम बात करेंगे।
शराब पर टैक्स बढ़ाओ ताकि लोग इससे दूर हों

मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में सख्ती की जाए, ताकि ग्रीन जोन में कोरोना को फैलने से बचाया जा सके। सराफ ने डॉक्टर्स की कमी को पूरा करने व सरकार की बजट घोषणा के अनुरूप राज्य के सभी एमबीबीएस डिग्रीधारियों को सीधी नियुक्ति देने की मांग की। उन्होंने केंद्र के समान नर्सिंगकर्मियों के पदनाम परिवर्तन और कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने वाले लोगों को ही फल—सब्जी बेचने के लाइसेंस देने की मांग की। साथ ही कर्नाटक सरकार की तर्ज पर बागवानों को 20 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर और छोटे कामगारों को 5 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की।
पूरी चेन खुलेगी तब होगा सही तरीके से काम

विद्याधर नगर विधायक नरपत सिंह राजवी ने कहा कि सरकार को अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए काम की पूरी चेन को खोलन होगा। अभी लेबर है, लेकिन माल नहीं है। इसलिए माइनिंग, सेनेटरी सहित सभी कार्यों को खोलने की मंजूरी मिलनी चाहिए। इसी तरह ई—पास की सुविधा को बहुत जटिल किया गया है, इसे सही किया जाना चाहिए। केंद्र ने प्रति बीघा 40 प्रतिशत की खरीद का लक्ष्य रखा है, लेकिन राज्य सरकार ने इसे 40 क्विंटल कर दिया, इसे सही किया जाना चाहिए।
बिजली-पानी के माफ किए जाएं

जयपुर सांसद रामचरण बोहरा ने बिजली एवं पानी के बिलों को स्थगित करने के स्थान पर माफ करने की मांग की। बोहरा ने नाई, धोबी, दैनिक मजदूरी वाले श्रमिकों एवं परकोटे में रह रहे किरायेदारों को चिन्हित कर उन्हें सूखा राशन एवं आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की भी मांग की। साथ ही ईएसआई हाॅस्पिटल में संचालित हो रहे क्वारेंटाईन सेंटर को तत्काल प्रभाव से बन्द कर ओपीड़ी शुरू करने की मांग की।
श्रमिकों को गंतव्य तक पहुंचाए सरकार

सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी ने कहा कि गरीब मजदूरों को अपने गंतव्य तक पहुंचाने की सरकार व्यवस्था करे। अगर कोई आर्थिक संकट है तो विधायक कोष से हम पैसा देने को तैयार हैं। उन्होंने सांगानेर में राशन वितरण में हो रही अनियमितताएं, राशन कार्ड से राशन नहीं मिलने का मुद्दा भी उठाया। लाहोटी ने मध्यवर्गीय परिवारों के समक्ष आए संकट की बात को भी रखा और कहा कि मध्यमवर्गीय आभिवावको को लॉक डाउन अवधि में स्कूल फीस को माफ करवाकर राहत दिलाई जाए।
किसान, प्रवासी की समस्या बताई

राजसमंद सांसद दीयाकुमारी ने मुख्यमंत्री को राज्य के किसानों, आमजन, प्रवासियों एवं व्यापारियों की समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि क्वॉरंटाइन सेंटर की व्यवस्था बहुत खराब है। इनमें एक ही कमरे में 10-12 लोगों को रखा गया है। इनमें पीने के पानी की कमी है और खाने की क्वालिटी बहुत घटिया है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि गुजरात, महाराष्ट्र, आन्ध्रप्रदेश, तेलंगना, तमिलनाडु में बडी संख्या में राजस्थानी प्रवासी फंसे हुए हैं बहुत से प्रवासी घर आना चाहते है उनके लाने की व्यवस्था की जाए। साथ ही पर्यटन उद्योग को लेकर विशेष पैकेज सरकार घोषित करे।
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