उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि अभी तो धुंआ ही धुंआ दिख रहा है, लेकिन जब यह धुंआ आग की लपटों में तब्दील होगा, तब असंतोष का लावा फूटेगा। संभावनाओं का कानून सबसे ज्यादा राजनीति में ही लागू होता है और उसी के आधार पर मैंने और भाजपा नेताओं ने बयान दिए थे, इसलिए मैं कहता हूं कि लड़खड़ाती ये सरकार कब गिर जाए पता नहीं। ऐसे ही बयान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, विधायक वासुदेव देवनानी, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा भी दे चुके हैं। आपको बता दें कि कांग्रेस विधायक जौहरी लाील मीणा ने टीकाराम जूली को कैबिनेट मंत्री बनाने का विरोध जताया है। इसी तरह वरिष्ठ विधायक दयाराम परमार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मंत्री बनने की अर्हताएं पूछी हैं। निर्दलीय विधायकों को भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने पर नाराजगी है।