पंचायत समिति सदस्य पन्नालाल जाट, रामजीलाल बैरवा सहित कई जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि बिना जनप्रतिनिधियों की राय लिए सांसद सरपंचों को बुलाकर सांसद मद से उनके कार्य स्वीकृत कर देते हैं। ऐसे में उनके जनप्रतिनिधि होने का कोई औचित्य ही नहीं है। सरपंच अपनी मनमानी करते हैं तथा उनकी उपेक्षा कर कार्य करा रहे हैं। इस पर जनसुनवाई में एकबारगी हंगामें की स्थिति हो गई। सांसद ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों की राय से ही सांसद कोष को काम में लिया जा रहा है। सभी पंचायतों में बजट समान रूप से वितरित किया जाता है। अब तक 30 ग्राम पंचायतों में बजट स्वीकृत किया है। शेष पंचायतों में भी जल्द ही बजट का आवंटन किया जाएगा। डेचवास के नाथूलाल, महावीर सिंह, मोहन सिंह, सुरेश कुमार ने कहा कि गांव की सार्वजनिक नाडी के रास्ते से प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के बाद खातेदारी जमीन से रास्ता निकाल दिया। आरोप है कि इस मामले में कुछ लोगों को फायदा देने के लिए अधिकारियों ने ऐसा किया। आठ माह से ये प्रकरण चल रहा है, लेकिन समझौते के बाद भी सही रास्ता नहीं निकाला जा रहा। जबकि लोकायुक्त व न्यायालय की ओर से भी प्रकरण में स्थगन आदेश दिए गए हैं। जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र में व्याप्त जलसंकट, पाइप लाइन डलवाने सहित कई मांगे रखी। इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष गणेश माहुर, राज्य सफाई कर्मचारी आयोग सदस्य दीपक संगत, प्रधान सरोज चौधरी, पालिकाध्यक्ष सपना टेमाणी, भाजपा शहर अध्यक्ष दिनेश विजय, देहात अध्यक्ष बालाबख्श चौधरी, कमलेश सिंगोदिया, ओमप्रकाश गुप्ता सहित भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे।