बता दें कि राजीव महर्षि राजस्थान के चीफ सेक्रेटरी व गृह सचिव का जिम्मा संभाल चुके हैं। राजस्थान कैडर से वर्ष 1978 के बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) रह चुके हैं। डब्ल्यूएचओ के लेखा परीक्षक की दौड़ में भारत के अलावा अन्य देशों के अधिकारी भी शामिल थे इनमें फ्रांस, घाना, ट्यूनिशिया, कांगो, उत्तरी आयरलैंड, ग्रेट ब्रिटेन के लेखा परीक्षक शामिल थे।
कौन है राजीव महर्षि-कैग राजीव महर्षि देश के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) पद पर आसीन हैं। इस दौरान कैग ने रफाल डील पर रिपोर्ट जारी की थी, जो चर्चित रही। रिपोर्ट में यूपीए के मुकाबले एनडीए की डील को सस्ता बताया है। इससे पहले 2014 में भाजपा के केन्द्र में सत्ता संभालने के बाद आइएएस महर्षि को राजस्थान से दिल्ली बुलाया। तब वे यहां मुख्य सचिव थे। वे वित्त और गृह मंत्रालय में सचिव भी रहे।
सर्वोच्च संस्थाओं के प्रमुख राजस्थान के कैडर आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली की नौकरशाही में राजस्थान के नौकरशाहों ( Rajasthan Bureaucrats ) की धाक पिछले कुछ वर्षों से जमी हुई है। देश की तीन सर्वोच्च संस्थाओं के प्रमुख राजस्थान के हैं। इन्ही में से एक राजीव महर्षि भी हैं। सूत्र कहते हैं कि भाजपा के एक बार फिर धमाकेदार बहुमत के साथ केन्द्र में सत्ता में लौटने से आने वाले समय में भी यह नौकरशाह ताकतवर बने रहेंगे।