ऐसे लिया केक ने आकार
जयपुरPublished: Nov 10, 2019 12:36:45 pm
कपकेप की शुरुआत 19वीं सदी में हुई थी। चूंकि उस दौरान केक को कप में बैक किया जाता था इसलिए इसे कपकेक कहा जाने लगा।
केक का नाम दिमाग में आते ही काफी अच्छा महसूस होने लगता है। क्रीम, चीनी, मैदा, बेकिंग पाउडर, बेकिंग सोडा और न जाने कितनी चीजों के मिश्रण से तैयार यह डेजर्ट हमारी भावनाओं से जुड़ी होती है क्योंकि आमतौर पर जन्मदिन, वेडिंग एनिवर्सरी, किसी त्योहार या शादी आदि खास मौके के दौरान इसे मंगाया जाता है। इसे ऑर्डर करते समय आप अपनी पसंद की टॉपिंग और आइसिंग लगवाते हैं, फ्लेवर डिसाइड करते हैं और साथ ही उसका आकार भी। जिसे आकार देने में प्रोफेशनल बेकर अपनी पूरी मेहनत लगा देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि केक शब्द वाइकिंग मूल का है, जो नॉर्स शब्द ‘काका’ से लिया गया है। पहला केक वास्तव में हमारे द्वारा खाए जाने वाले वर्तमान के केक से काफी अलग था। दिलचस्प रूप से, प्राचीन मिस्र में पहली बार बेकिंग कला की शुरुआत हुई। उसके बाद से बेकिंग की दुनिया ने केक को कई स्वरूप प्रदान किए। इंग्लैंड में शुरुआती केक भी अनिवार्य रूप से ब्रेड थे। एक केक और ब्रेड के बीच सबसे स्पष्ट अंतर केक के गोल, सपाट आकार और पकाने की विधि थी। जिसमें केक को दोनों ओर से सेका जाता था जबकि ब्रेड को केवल एक ही ओर से। इसी तरह से माना जाता है कि स्पॉन्ज केक की शुरुआत स्पेन से हुई। अगर बात केक और बिस्किट के बीच महत्त्वपूर्ण अंतर कि हो तो केक बासी होने पर सख्त हो जाता है जबकि बिस्किट नरम हो जाते हैं। कपकेप की शुरुआत 19वीं सदी में हुई थी। चूंकि उस दौरान केक को कप में बैक किया जाता था इसलिए इसे कपकेक कहा जाने लगा। साथ ही जिस भी सामग्री का प्रयोग इन्हें बनाने के लिए किया जाता था उसे कप से ही मापा जाता था। वर्तमान में केक की कई वैरायटी मौजूद हैं जैसे चॉकलेट केक, स्पॉन्ज केक, कॉफी केक, बटर केक आदि।