जयपुर

कैंसर की दवाओं के मूल्य कम रखने की सिफारिश

Cancer Drugs : जयपुर . Parliament की एक Standing Committee ने Cancer के Treatment से जुड़ी दवाओं के मूल्य कम रखने तथा इसके लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित करने की Recommend करते हुए इस जानलेवा Disease से निपटने के लिए देश में हब एंड स्पॉक मॉडल के आधार पर अस्पतालों का Network तैयार करने के लिए कहा है।

जयपुरNov 20, 2019 / 05:48 pm

Anil Chauchan

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cancer Drugs : जयपुर . संसद ( parliament ) की एक स्थायी समिति ( standing committee ) ने कैंसर ( Cancer ) के इलाज ( treatment ) से जुड़ी दवाओं के मूल्य कम रखने तथा इसके लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित करने की सिफारिश ( recommend ) करते हुए इस जानलेवा बीमारी ( disease ) से निपटने के लिए देश में हब एंड स्पॉक मॉडल के आधार पर Hospitals का नेटवर्क ( Network ) तैयार करने के लिए कहा है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन सबंधी समिति ने संसद के दोनों सदनों में मंगलवार को पेश एक रिपोर्ट में कहा है कि रोगियों की कमजोर आर्थिक और सामाजिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए कैंसर के इलाज से संबंधित दवाइयों के मूल्यों को कम रखना काफी महत्वपूर्ण है। समिति आशा करती है कि कैंसर के इलाज से संबंधित दवाइयों के मूल्यों को नियंत्रित करने के लिए एक सु²ढ़ तंत्र होना चाहिये। इन दवाइयों को हब एंड स्पॉक मॉडल में सरकार की ओर से अनुबंधित दर पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए। समिति ने टाटा स्मारक केंद्र की ओर से देशभर में कैंसर के इलाज के लिए हब एंड स्पॉक मॉडल के आधार पर अस्पतालों का नेटवर्क तैयार करने के विचार से सहमति जताते हुए इसके लिए आवश्यक धन और जमीन मुहैया कराने की भी सिफारिश की है।

टाटा स्मारक केंद्र के माध्यम से परमाणु ऊर्जा विभाग के पास देश के विभिन्न भागों में कैंसर केंद्र स्थापित करनेए नेशनल कैंसर ग्रिड स्थापित करने और उसके संचालन का अनुभव है। उसने कहा कि टाटा स्मारक केन्द्र की ओर से प्रस्तावित हब एंड स्पॉक मॉडल कैंसर रोगियों की मौजूदा जरूरतों को पूरा करने के साथ ही भविष्य की मांग को भी पूरा करने में सक्षम है। उसने तत्काल इस मॉडल पर काम शुरू करने तथा ज्यादा जरूरत वाले इलाकों में प्राथमिकता के आधार पर कैंसर केंद्रों की स्थापना की सिफारिश की है।

समिति ने रोगियों और उनकी देखभाल करने वालों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए किफायती आवास स्थापित करने और अस्थायी शिविरों के लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने की भी अनुशंसा की है। उसने कहा है कि जिन इलाकों में पहले से मौजूद सरकारी अस्पतालों को कैंसर के हब एंड स्पॉक मॉडल में शामिल किया जा सकता है, वहां नए केंद्र बनाने की बजाय मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग किया जाना चाहिए। रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2018 में देश में 13 लाख कैंसर के मामले सामने आए जिनकी संख्या वर्ष 2035 तक बढ़कर 17 लाख हो जाने की आशंका है। पिछले साल इस बीमारी से 8.8 लाख लोगों की मौत हुई थी और वर्ष 2035 तक यह आंकड़ा बढ़कर 13 लाख होने की संभावना है। इसमें कहा गया है कि देश में यदि 100 लोगों को कैंसर होता है तो 32 ही बच पाते हैं जबकि विकसित देशों में यह अनुपात 100 बनाम 62 का है।

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