इंसान के शरीर में वायु प्रदूषण जल्दी असर करता है, क्योंकि यह सांस के साथ हवा के रूप में शरीर में पहुंचता है। प्रदूषण में मौजूद हानिकारक केमिकल और डस्ट पार्टिकल्स श्वसन नली के जरिए शरीर में पहुंचते हैं और रक्त में घुलकर शरीर के अन्य अंगों पर हानिकारक प्रभाव डालते हैं। वर्तमान में डब्ल्यूएचओ की ओर से प्रकाशित ग्लोबल ट्रायल में सामने आया है कि जैसे-जैसे हवा में पार्टिकल साइज और डेनसिटी बढ़ती है उसी के साथ कैंसर होने की संभावना भी बढ़ती है। इसमें प्रमुख रूप से लंग कैंसर, लीवर, मूत्राशय, आंत व श्वांस नली के कैंसर शामिल हैं। प्रदूषण से होने वाले कैंसर के रोगियो की मौत की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी गई है।
मुंह और स्तन कैंसर के बढ़ रहे रोगी
कैंसर रोग विशेषज्ञ, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. नरेश सोमानी ने बताया कि पुरुषों और महिलाओं दोनों में कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। इनमें पुरूषों में मुंह और महिलाओं में स्तन कैंसर के केस सर्वाधिक है। बीएमसीएचआरसी के रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. दिनेश सिंह ने बताया कि आईसीडी कोडेड के आधार पर तैयार आंकडों के अनुसार चिकित्सालय में पिछले पांच वर्षों के आंकड़ों के अनुसार रोगियों में तेजी से वृद्धि हो रही है। इसके अनुसार पुरूषों और महिलाओं में पांच प्रमुख कैंसर में पुरुषों में मुंह, श्वसन, पाचनतंत्र, रक्त कैंसर, जननागों के कैंसर और महिलाओं में स्तन, जननागों, पाचनतंत्र, रक्त एवं मुंह का कैंसर शामिल है।
इन लक्षणों का रखें विशेष ध्यान -:
आमतौर पर कैंसर के लक्षण सामान्य बीमारी की तरह नजर आते हैंए लेकिन यह लक्षण ठीक नहीं होकर समय के साथ बते रहते है। ऐसे में जरूरी है कि शरीर में आने वाले परिवर्तनों को नजर अंदाज करे बगैर समय पर चिकित्सक की परामर्ष लेकर जांच करवाएं। खान.पान या शौच की आदतों पर बदलाव, आवाज में परिवर्तन, मुंह में छालाए ना भरने वाला घाव, शरीर के किसी भी अंग में गांठ का महसुस होना सभी कैंसर के शुरूआती लक्षण होते हैं।