उन्होंने कहा, “वे लोग अपने यातायात का खर्चा खुद देते हैं। वह अपने कोचिंग स्टाफ को तय वेतन देते हैं जबकि इनका खुद का वेतन इनके द्वारा जीते गए मैचों पर निर्भर रहता है।” उन्होंने कहा, “मुझे यह देखकर बुरा लगता है कि पूरे विश्व के सबसे मशहूर खेलों में से एक खेल के 100वें सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी जिसको लाखों लोग फॉलो करते हैं उसके लिए जीविका चलाना मुश्किल होता है।” माउटोग्लोउ ने कहा कि, “हम कम रैंकिंग वाले खिलाडिय़ों को छोड़ नहीं सकते। यह सही नहीं होगा। टेनिस में बदलाव की जरूरत है। इस खाली समय को इस पर चर्चा के लिए इस्तेमाल करते हैं।”