कोई यह कहकर नहीं बच सकता कि उसका फोन किसी और ने उपयोग किया
पंंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट: अपराध के मामले में महत्त्वपूर्ण टिप्पणी
जयपुर
Published: June 08, 2020 11:20:32 pm
चंडीगढ़. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि अगर किसी अपराध के लिए मोबाइल फोन नंबर का इस्तेमाल किया जाता है, तो उसका रजिस्टर्ड मालिक यह दावा करके अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता कि उसे फोन का उपयोग किसी और व्यक्ति ने किया था।
जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी की एकल पीठ ने स्पष्ट किया कि रजिस्टर्ड मोबाइल फोन के मालिक पर यह बताने का दायित्व है कि उसके फोन का उपयोग किसी और के द्वारा या अपराध के लिए किस प्रकार किया गया। कोर्ट ने कहा एक बार मोबाइल फोन, जो अपराध के कमीशन में इस्तेमाल किया गया है, याचिकाकर्ता के नाम पर पंजीकृत है। याचिकाकर्ता के सत्यापन के बाद उक्त नंबर जारी किया है, अपराध के कमीशन के लिए उक्त नंबर का उपयोग कैसे किया गया? याचिकाकर्ता को यह स्पष्ट करना चाहिए।
अग्रिम जमानत अर्जी हो गई खारिज
कोर्ट एक अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें यह दावा किया गया था कि धारा 420 और आइटी एक्ट की धारा 66 के तहत दर्ज एफआइआर में आरोपी का नाम अनावश्यक रूप से जोड़ा गया है। सरकार ने तर्क दिया था कि मोबाइल नंबर, जो जिसे अपराध के लिए इस्तेमाल किया गया, उससे फर्जी कॉल किए गए और उक्त नंबर आरोपी के नाम पर पंजीकृत था। उक्त मोबाइल नंबर बायो-मैट्रिक सत्यापन और केवाईसी के बाद अभियुक्त के नाम पर जारी है।

कोई यह कहकर नहीं बच सकता कि उसका फोन किसी और ने उपयोग किया
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