scriptसावधान!  मंगल और केतू का  योग  लाएगा प्राकृतिक आपदा, बचने के लिए करें ये उपाय | careful Mangal and Ketu will bring Yoga to the natural disaster | Patrika News

सावधान!  मंगल और केतू का  योग  लाएगा प्राकृतिक आपदा, बचने के लिए करें ये उपाय

locationजयपुरPublished: Jun 01, 2018 01:00:09 pm

Submitted by:

Devendra Singh

सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने के सातवें दिन गुरुवार काे चंद्रमा प्रात: 3:12 बजे जलचर राशि वृश्चिक राशि से निकल कर अग्नितत्व की प्रतिक धनु राशि में प्रवेश किया। चंद्रमा इस राशि में 2 जून शाम 03:36 बजे तक रहेगा। इससे तापमान में वृद्धि होगी।

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सावधान!  मंगल और केतू का  योग  लाएगा प्राकृतिक आपदा, बचने के लिए करें ये उपाय


सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने के सातवें दिन गुरुवार काे चंद्रमा प्रात: 3:12 बजे जलचर राशि वृश्चिक राशि से निकल कर अग्नितत्व की प्रतिक धनु राशि में प्रवेश किया। चंद्रमा इस राशि में 2 जून शाम 03:36 बजे तक रहेगा। इससे तापमान में वृद्धि होगी। इन तीन दिनों में लोग उमस और गर्मी से बेहाल रहेंगे। इसके बाद चंद्रमा धनु से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करेंगा। 3 जून को चन्द्रमा पृथ्वी तत्व की राशि मकर में रहने से तापमान में स्थिरता बनी रहेगी। रोहिणी 3 जून को समाप्त होगी, लेकिन इसका प्रभाव 8 जून तक रहेगा।
प्राकृतिक आपदाओं की संभावना
पं. शास्त्री के अनुसार 1 मई से मंगल आैर केतु का संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन दोनों क्रूर ग्रहों के एक साथ होने से प्राकृतिक आपदाओं की स्थितियां बनती हैं। ऐसे में भीषण गर्मी, आंधी-तूफान के साथ तेज धूलभरी हवाएं चलना, आगजनी, दुर्घटनाएं व राजनीतिक उथल-पुथल की स्थितियां रहेगी। इस समय में भारतीय सीमाओं पर देश विरोधी गतिविधियां भी बढ़ेगी।
मंगल-केतू बना रहा है अंगारक योग ?
पंडित सुरेश शास्त्री के अनुसार मंगल के धनु राशि में होने से मंगल-केतू का दृष्टि संबंध बन रहा है, जिसके कारण अंगारक योग निर्मित हो रहा है। अंगारक योग के चलते मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, धनु और कुंभ राशि वालों को संभलकर होगा। मंगल के कारण इन राशियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इनके अलावा मेष, कन्या और मकर राशि वालों के लिए समय मिला-जुला रहेगा। जबकि शेष 3 राशियां वृषभ, वृश्चिक और मीन के लिए समय श्रेष्ठ रहेगा।
कैसे शांत रखें अशुभ अंगारक योग

यदि किसी जातक को अंगारक योग के दुष्प्रभाव से जूझना पड़ रहा है तब उसे ऐसी अवस्था में मंगल तथा राहु को शांत रखना होगा। यानि विधिपूर्वक हनुमत आराधना से ये दोनों ग्रह पीड़ामुक्त होंगे तथा राहु के बीज मंत्र का शास्त्र सम्मत संख्या में उच्चारण सहित मंगल व राहु के लिए निर्दिष्ट दान करना सही रहेगा।

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