सैल्यूलोज लाता है बदलाव
गाजर को इतना कठोर और क्रंची उसमें पाया जाने वाला रेशेदार पदार्थ बनाता है। स्कॉटलैंड की सेलुकॉम्प कंपनी गाजर का रस या निचोड़ बनाती है। इसके सीइओ क्रिस्टीयन कैंप ग्रिफिन के मुताबिक, गाजर में मौजूद रेशे उसे मजबूती प्रदान करता है। यह इस सब्जी के लिए एक तरह से बिल्ंिडग ब्लॉक्स की तरह काम करते हैं। हालांकि यह रेशेदार पदार्थ पेड़ के दूसरे भागों से भी प्राप्त किया जा सकता है लेकिन इसे सब्जियों से निकालना अपेक्षाकृत आसान होता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार गाजर का रस मिलाने से पर कंक्रीट के प्रति क्यूबिक स्क्वायर मीटर में सीमेंट के 88 पाउंड की कमी आती है और इसी मात्रा में कार्बन डाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन भी कम होता है।
साफी बताते हैं, ‘हमारे प्राथमिक नतीजे दर्शाते हैं कि आधा किलोग्राम कैरट नैनोमटीरियल से कंक्रीट के प्रति क्यूबिक मीटर में 10 किलोग्राम सीमेंट कम की जा सकती है।’ ब्रिटेन की इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी के मुताबिक, सीमेंट से वैश्विक कार्बन डाइ ऑक्साइड उत्सर्जन सात फीसदी तक होता है। अगर गाजर से सीमेंट की मात्रा कम होती है तो यह पर्यावरण के लिए बड़ी बात होगी। वैसे ब्रिटिश वैज्ञानिक चुकंदर से भी इस तरह का पदार्थ निष्कर्षित करने के प्रयास कर रहे हैं।