scriptमहाराष्ट्र बैंक घोटाले में शरद पवार पर केस दर्ज | Case filed against Sharad Pawar in Maharashtra bank scam | Patrika News

महाराष्ट्र बैंक घोटाले में शरद पवार पर केस दर्ज

locationजयपुरPublished: Sep 26, 2019 12:32:51 am

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ( Enforcement Directorate ) ने महाराष्ट्र कॉर्पोरेशन बैंक से जुड़े घोटाले ( scam ) में मनी लॉन्ड्रिंग ( money laundering ) का केस दर्ज किया है। ईडी ने एफआईआर में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ( Sharad Pawar ) , उनके भतीजे पूर्व मुख्यमंत्री अजीत पवार और महाराष्ट्र स्टेट कार्पोरेशन बैंक ( Maharashtra State Corporation Bank ) से जुड़े 70 लोगों को आरोपी बनाया है। यह 25 हजार करोड़ रुपए का घोटाला है। शुरुआत में मुंबई पुलिस ने इस मामले में एक

महाराष्ट्र बैंक घोटाले में शरद पवार पर केस दर्ज

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इस घोटाले में 2007 से 2011 के बीच आरोपियों की मिलीभगत से बैंक को करोड़ों रुपए का नुकसान होने का आरोप है। आरोपियों में 34 जिलों के विभिन्न बैंक अधिकारी शामिल हैं। यह नुकसान चीनी मिलों तथा कताई मिलों को ऋण देने और उनकी वसूली में अनियमितता के कारण हुआ।
प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक मुंबई हाईकोर्ट ने इस मामले में पहले एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया था। इसके बाद पहले मुंबई पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इसके बाद ईडी ने यह केस दर्ज किया है। ईडी के मुताबिक इस स्कैम में कार्पोरेटिव बैंकों के कई मैनेजर भी शामिल थे।
कोर्ट ने माना था कि इन सभी आरोपियों को इस घोटाले की पूरी जानकारी थी। शरद पवार और जयंत पाटिल समेत बैंक के अन्य डायरेक्टर के खिलाफ बैंकिंग और आरबीआई के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। आरोपियों में बैंक की 34 शाखाओं के अधिकारी भी शामिल हैं। हाई कोर्ट के जस्टिस एससी धर्माधिकारी और जस्टिस एसके शिंदे की बेंच ने 22 अगस्त को कहा था कि आरोपियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य है और आर्थिक अपराध शाखा पांच दिनों में इनके खिलाफ केस दर्ज करे।
क्या है मामला
शरद पवार, जयंत पाटिल समेत बैंक के अन्य निदेशकों ने कथित तौर पर चीनी मिल को कम दरों पर कर्ज दिया था। डिफॉल्टर की संपत्तियों को सस्ती कीमतों पर बेच दिया था। यह भी आरोप है कि इन संपत्तियों को बेचने, सस्ते लोन देने और उनका दोबारा भुगतान नहीं होने से बैंक को 2007 से 2011 के बीच करीब 1000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और तत्कालीन वित्त मंत्री अजित पवार उस समय एमएससीबी के डायरेक्टर थे। नाबार्ड ने महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव सोसायटी अधिनियम के तहत इस मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें पवार, हसन मुश्रीफ, कांग्रेस नेता मधुकर चव्हाण और अन्य लोगों को बैंक घोटाले का आरोपी बनाया था।
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