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हाई अलर्ट पर वन विभाग: केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण की एडवाइजरी, बिल्ली-बन्दर भी हो सकते हैं कोरोना के शिकार

locationजयपुरPublished: Apr 08, 2020 02:41:25 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

लगातार फैल रहे कोरोना संक्रमण के बीच नया खतरा आ खड़ा हुआ है। न्यूयार्क के चिडिय़ाघर में बाघिन के कोरोना से ग्रस्त होने के बाद केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण (सीजेडए) ने एडवाइजरी जारी कर बिल्लियों-बन्दरों में भी कोरोना फैलने की आशंका जताई है।

Cat-monkeys can also be corona victims

लगातार फैल रहे कोरोना संक्रमण के बीच नया खतरा आ खड़ा हुआ है। न्यूयार्क के चिडिय़ाघर में बाघिन के कोरोना से ग्रस्त होने के बाद केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण (सीजेडए) ने एडवाइजरी जारी कर बिल्लियों-बन्दरों में भी कोरोना फैलने की आशंका जताई है।

देवेंद्र सिंह राठौड़/जयपुर। लगातार फैल रहे कोरोना संक्रमण के बीच नया खतरा आ खड़ा हुआ है। न्यूयार्क के चिडिय़ाघर में बाघिन के कोरोना से ग्रस्त होने के बाद केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण (सीजेडए) ने एडवाइजरी जारी कर बिल्लियों-बन्दरों में भी कोरोना फैलने की आशंका जताई है। ऐसे में वन विभाग भी हाईअलर्ट पर आ गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि बिगड़े हालात से जूझ रहे जयपुर में इसे लेकर सख्त निगरानी और एहतियात की जरूरत है।
रामगंज इलाका संक्रमण के गढ़ के रूप में सामने आया है। जयपुर में अब तक मिले पॉजिटिवों में सर्वाधिक रामगंज क्षेत्र के हैं। जबकि गलताजी व सूरजपोल क्षेत्र के साथ रामगंज में भी हजारों बन्दरों की मौजूदगी रहती है।
यों बरतें एहतियात : विशेषज्ञों का कहना है कि बचाव ही सबसे बड़ा इलाज है। किसी भी वन्यजीव को चारा-पानी या खाद्य सामग्री देते समय मुंह पर मास्क, हाथों में ग्लब्स पहने रहें। बीमार व्यक्ति वन्यजीवों के आसपास न जाएं।
भूख से बेहाल, भटक रहे वानर
वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते बन्दरों को खाने-पीने के लिए कुछनहीं मिल रहा। भूख से बेहाल बन्दर यहां-वहां भटक रहे हैं। बड़ी संख्या में बन्दर बड़ी चौपड़ समेत आसपास के क्षेत्र में सड़कों पर बैठे और घरों पर कूदते नजर आते हैं।
संकट गम्भीर इसलिए
बन्दर घरों, खिड़कियों, बॉलकनी, बरामदे और कई बार घर के भीतर तक कूदते-फांदते हैं। फ्रिज तक खोलकर खाने-पीने की चीजें ले जाते हैं। रामगंज में सर्वाधिक संक्रमित मिले हैं, जहां कोई बन्दर संक्रमित हुआ तो उसकी पहचान करना ही खासा मुश्किल होगा। मॉनिटरिंग करना भी चुनौतीपूर्ण है। वन विभाग के पास जांच कराने के इंतजाम भी नहीं हैं।
विभागीय अधिकारियों का यह दावा
व्यवस्थाएं हाई अलर्ट पर और स्थिति नियंत्रण में है।
अभी तक एक भी बंदर बीमार होने की सूचना नहीं है।
अभयारण्य व चिडिय़ाघर में सतर्कता बरती जा रही है।
बिल्ली व वानर प्रजाति के जीवों की मॉनिटरिंग की जा रही है।
पिंजरे, तलाई, वाहन आदि को सैनिटाइज किया जा रहा है।
स्टाफ को मास्क, ग्लब्स पहनकर आने के निर्देश दिए गए हैं।
वन्यजीव चिकित्सक अरविंद माथुर से सवाल
कोरोना संक्रमण का खतरा वन्यजीवों पर भी मंडरा रहा है?
न्यूयॉर्क में केस सामने आया है, पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
संक्रमित के सम्पर्क में आने पर बंदर में संक्रमण का खतरा है?
ऐसा कोई केस अब तक नहीं आया लेकिन गाइडलाइन आई है। इसमें मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं।
कोई बंदर संक्रमित हो तो उसकी पहचान कैसे होगी?
वानर टोली में रहते हैं। उनकी पहचान करना मुश्किल होता है। एक बीमार हुआ तो टोली के अन्य बंदर भी चपेट में आ जाते हैं। मॉनिटरिंग कर रहे हैं, किसी में लक्षण पाए गए तो उसकी जांच होगी।
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