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पशुपालक परेशान, कार्मिक दे रहे कोविड संबंधी काम में ड्यूटी

locationजयपुरPublished: May 14, 2021 09:50:03 am

Submitted by:

Rakhi Hajela

वेटरनरी अस्पतालों पर लगे तालेपशुपालक परेशान, पशुओं का नहीं हो पा रहा इलाजविभागीय काम भी हुए प्रभावितकोविड संबंधी ड्यूटी से मुक्त किए जाने की मांग

पशुपालक परेशान, कार्मिक दे रहे कोविड संबंधी काम में ड्यूटी

पशुपालक परेशान, कार्मिक दे रहे कोविड संबंधी काम में ड्यूटी



जयपुर, 14 मई
त्रस्नङ्ग- केस एक : उपखंड अधिकारी पहाड़ी भरतपुर से पशुपालन विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी कोविड प्रबंधन में लगा दी। सीनियर वेटरनरी ऑफिसर से लेकर एलएसए तक कोविड संबंधी ड्यूटी निभा रहे हैं। नतीजा पशु चिकित्सा पिछले कई दिनों से बंद हैं।
केस दो: चित्तौडगढ़़ के देंचू में सभी पशु चिकित्सा कार्मिक इन दिनों कोविड संबंधी ड्यूटी निभा रहे हैं। पशुपालक वेटरनरी अस्पताल आते हैं ताला लटका देखकर निराश होकर वापस चले जाते हैं। बीमार पशुओं को देखने वाल कोई नहीं है।
प्रदेश के विभिन्न जिलों में जिला कलेक्टर ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत पशुपालन विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवाओं का अधिगृहण कर संबंधित उपखंड अधिकारियों को सौंप दी। उपखंड अधिकारियों ने अपने क्षेत्र की पीएचसी और सीएससी में इन अधिकारियों और कार्मिकों की ड्यूटी लगा दी। भरतपुर के साथ ही कई अन्य जिलों जालौर,चित्तौडगढ़़ आदि में यही स्थिति सामने आई है।
सरकार ने पशुचिकित्सा कार्मिकों को आपातकालीन सेवाओं में तो शामिल कर पशु चिकित्सा संसाधनों को खोले जाने के निर्देश तो जारी कर दिए लेकिन इसके बाद भी प्रदेश के कई जिलों में पशु चिकित्सा संस्थानों पर ताले गए हैं और पशुपालकों को परेशान होना पड़ रहा है। वजह है कि इन जिलों में उपखंड अधिकारियों ने अपने क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में पशुपालन विभाग के कार्मिकों की ड्यूटी लगा दी।
पशुपालक परेशान, विभागीय काम भी बाधित
पशु चिकित्सा कार्मिकों को अधिगृहित किए जाने से पशुपालक परेशान हो रहे है बल्कि इसका असर विभाग की ओर से संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं पर भी पड़ा। राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के तहत पशुओं का इनाफ पर पंजीकरण, पशुओं के टीकाकरण के साथ ही पशु चिकित्सा का काम प्रभावित हो गया है। पशुपालकों की इस परेशानी को देखते हुए राजस्थान पशु चिकित्सा तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष बनवारीलाल बुनकर और सुनील कुमार ने पशुपालन मंत्री और शासन सचिव से मांग की है कि वह जिला कलेक्टर्स को निर्देशित करें कि विभाग के कार्मिकों की ड्यूटी कोविड संबंधी कार्य में नहीं लगाई जाए। उन्होंने कहा कि अति आवश्यक सेवाओं से बाहर कई विभागों के कार्मिक जो वर्क फ्रॉम हैं उन्हें चिकित्सा संस्थानों में लगाया जा सकता है।
शासन सचिव ने लिखा पत्र
पशुपालकों को आ रही परेशानी को देखते हुए अब विभाग की शासन सचिव डॉ आरुषि मलिक ने इन जिलों के जिला कलेक्टर्स को पत्र लिखा है। जिसमें पशु चिकित्सा कार्मिकों को कोविड सम्बंधी कार्यों से मुक्त किए जाने के लिए कहा गयर है। डॉ. मलिक ने अपने पत्र में कहा गृह विभाग की ओर से दी गाइडलाइन के मुताबिक पशु चिकित्सा कार्मिकों को आवश्यक सेवाओं में शामिल किया गया है और पशु चिकित्सा संस्थानों को खुले रखने के निर्देश दिए हैं जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों को कोई असुविधा नहीं हो लेकिन कोविड संबंधी कार्यों के लिए विभाग के कार्मिकों को अधिगृहित कर लिया गया है जिससे पशु चिकित्सा संस्थान बंद होने की स्थिति पैदा हो गई है और पशुपालकों को परेशान होना पड़ रहा है इसलिए पशुपालन विभाग के कार्मिकों को कार्य मुक्त किया जाए जिससे स्थानीय पशुपालक परेशान नहीं हो और पशुधन का समय से इलाज हो सके।
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