scriptधूम्रपान नहीं करने वाली महिलाओं में भी लंग कैंसर के मामले | Causes of Lung Cancer in Non Smokers Women | Patrika News

धूम्रपान नहीं करने वाली महिलाओं में भी लंग कैंसर के मामले

locationजयपुरPublished: Sep 19, 2019 06:35:02 pm

Submitted by:

Anil Chauchan

Lung Cancer in Non Smokers Women : India में हर साल Lung Cancer के 67 Thousand New Cases सामने आते हैं। A Long Time तक ऐसा माना जाता रहा था कि फेफड़ों का कैंसर सिर्फ उन पुरुषों को ही अपना शिकार बनाता है जो Smok करते हैं या धूम्रपान किया करते थे। लेकिन अब New Studies से ऐसे संकेत भी मिले हैं कि धूम्रपान नहीं करने वाले भी लंग कैंसर के Patient बन सकते हैं और इसमें कुछ तरह के लंग कैंसर Youngsters, धूम्रपान नहीं करने वालों और Women में ज्यादा आम हैं।

Lung Cancer

Lung Cancer

जयपुर . भारत ( India ) में हर साल फेफड़े के कैंसर ( Lung Cancer ) के 67 हजार ( 67 Thousand ) नए मामले ( New Cases ) सामने आते हैं। काफी लंबे समय ( A Long Time ) तक ऐसा माना जाता रहा था कि फेफड़ों का कैंसर सिर्फ उन पुरुषों को ही अपना शिकार बनाता है जो धूम्रपान ( Smok ) करते हैं या धूम्रपान किया करते थे। लेकिन अब नए अध्ययनों ( New Studies ) से ऐसे संकेत भी मिले हैं कि धूम्रपान नहीं करने वाले भी लंग कैंसर के मरीज ( Patient ) बन सकते हैं और इसमें कुछ तरह के लंग कैंसर युवाओं ( Youngsters ), धूम्रपान नहीं करने वालों और महिलाओं ( Women ) में ज्यादा आम हैं।

कंसल्टैंट मेडिकल ओंकोलॉजिस्ट डॉ. विनय व्यास ने कहा कि एक खास तरह का लंग कैंसर जिसे श्नॉन.स्मॉल सैल लंग कैंसर (एनएससीएलसी) कहा जाता हैए सभी तरह के लंग कैंसर के मामलों में 85 प्रतिशत पाया जाता है। ऐसे अधिकांश मामले देरी से पकड़ में आते हैं, क्योंकि शुरुआत में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते या दिखते भी हैं तो उन्हें दूसरा इंफेक्शन समझा जाता है। यही वजह है कि ऐसे में इलाज करना काफी चुनौतीपूर्ण बन जाता है। 2003 तक एडवांस एनएससीएलसी से पीडि़त मरीजों के उपचार के लिए एकमात्र विकल्प कीमोथेरेपी ही था और इससे मरीज का जीवन 8 से 10 महीने तक बचाया जा सकता थाए लेकिन हाल में इस क्षेत्र में हुई प्रगति ने टारगेटेड थेरेपी के रूप में एक विकल्प उपलब्ध करवाया है। जो मरीज़ों को कीमोथेरेपी की कमियों से उबारकर उनके जीवन में लगभग 45 महीने और जोड़ सकता है।
लंग कैंसर का बढ़ता खतरा
– धूम्रपान नहीं करने वाली महिलाओं में भी लंग कैंसर के मामले
– महिलाओं में लंग कैंसर से होने वाली मौत का 7वां बड़ा कारण
– पुरुषों में तीसरा सबसे प्रमुख कारण है लंग कैंसर से मौत
– देश में फेफड़े के कैंसर के 67 हजार नए मामले हर साल
रोग के डायग्नॉस्टिक तथा उपचार में हुए इन सुधारों के बारे में कंसल्टैंट मेडिकल ओंकोलॉजिस्ट डॉ. विनय व्यास ने कहा कि हर महीने मेरे पास कम से कम दो से तीन ऐसी महिलाओं में फेफड़ों के कैंसर के मामले आते हैं, जो धूम्रपान नहीं करती हैं। कुछ मामलों मेंए लंग कैंसर ट्यूमर्स के डीएनए में परिवर्तन हो चुका होता हैए जिसे म्युटेशन कहते हैं। हम इन म्युटेशंस का पता लगा सकते हैं और फिर उसके मुताबिक टारगेटेड थेरेपी की सलाह भी दे सकते हैं, जो कि ऐसे मरीजों के मामलों में ज्यादा कारगर होती है। वैज्ञानिक शोधकायों के जरिए नए म्युटेशनों का पता लगाया जा रहा है और साथ हीए टारगेटेड थेरेपी की पूरी संभावनाओं का आकलन करने के लिए क्लीनिकल परीक्षण भी जारी हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो