वैज्ञानिकों ने बताया कि जब यह पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा तो इसकी दूरी 40 लाख 24 हजार 182 किमी और गति करीब 47,232 किमी प्रति घंटा होगी। यह एस्टेरॉयड साल 2013 में धरती के वातावरण में प्रवेश करने वाले चेल्याबिंस्क एस्टेरॉयड जैसा ही है। जिसने रूस के आधा दर्जन शहरों को नुकसान पहुंचाया था।
इससे पहले इस तरह का एक बड़ा एस्टेरॉयड पृथ्वी के पास से इसी साल चार मार्च को गुजरा था। 1,38,971 (2001 सीबी21) नाम का यह एस्टेरॉयड 1.3 किमी चौड़ा था और यह धरती से मात्र 49 लाख 11 हजार 298 किलोमीटर की दूरी से गुजरा था। हमारे सौर मंडल में करीब 20 लाख एस्टेरॉयड हैं।
अगले 200 वर्ष तक इससे अधिक कोई और पिंड नहीं आएगा...
27 मई को एस्टेरॉयड सबसे नजदीक होगा। इसके बाद अगले 200 वर्षों तक इससे अधिक करीब कोई और पिंड नहीं आएगा। एस्टेरॉयड 4.6 अरब साल पहले सौर मंडल के निर्माण के दौरान इससे बचे और छितर गए पथरीले टुकड़े होते हैं। हालांकि 2055 में भी एक एस्टेरॉयड के पृथ्वी के नजदीक से गुजरने की आशंका है।
नासा की मानें तो करीब 6 लाख साल बाद ऐसा मौका आया है जब पृथ्वी के इतने करीब से कोई इतना बड़ा एस्टेरॉयड गुजर रहा है। इस एस्टेरॉयड का आकार बुर्ज खलीफा से दोगुना है। कुछ वैज्ञानिक ऐसा में भी मानते हैं कि इसी तरह का एस्टेरॉयड पृथ्वी के करीब से गुजरा था, उसी के कारण तापमान में बदलाव आया था और डायनासोर का वजूद खत्म हो गया था।