इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गृह विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस के भी आला अधिकारियों के साथ बैठक की और उसमें अलवर दरिंदगी कांड मामले की जांच सीबीआई को सौंपे पर जाने का फैसला लिया गया। बैठक में गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव भी मौजूद रहे इसके अलावा एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुधीर भंडारी और जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ अरविंद कुमार शुक्ला भी बैठक में मौजूद रहे।
सीबीआई जांच के लिए विपक्ष ने बनाया था दबाव
दरअसल अलवर गैंगरेप मामले के बाद विपक्ष ने इस मामले में सरकार को जमकर घेरा था और पुलिस की जांच पर सवाल खड़े करते हुए इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी, जिस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी शनिवार देर रात ट्वीट करते हुए कहा था कि अगर पीड़िता के परिजन चाहे तो वह एसओजी, सीआईडी या फिर सीबीआई से जांच कर सकते हैं घटना की सच्चाई सबके सामने आना चाहिए।
इसके बाद से ही माना जा रहा था कि गहलोत सरकार इस मामले की जांच सीबीआई को सौपे जाने की सिफारिश कर सकती हैं। गौरतलब है कि अलवर मूक बधिर नाबालिग गैंगरेप मामला इन दिनों सियासत का केंद्र बना हुआ है। राजस्थान से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर भी इस मामले पर चर्चा हो रही है। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी पीड़िता के पिता से फोन पर बात करके उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया था। साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली थी।