scriptसीबीएसई के बोर्ड परीक्षार्थी को स्कूल बदलना पड़ेगा महंगा, करीब 5 हजार का लगेगा फटका | CBSE Board New Rule 2019 : CBSE New Rules for 9th or 11th Class | Patrika News

सीबीएसई के बोर्ड परीक्षार्थी को स्कूल बदलना पड़ेगा महंगा, करीब 5 हजार का लगेगा फटका

locationजयपुरPublished: Jul 24, 2019 10:23:06 am

Submitted by:

MOHIT SHARMA

CBSE New Rules 2019 : CBSE ) ने हाल ही स्कूल बदलने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। कोई परीक्षार्थी कक्षा 9 या 11 में रजिस्ट्रेशन ( Registration ) के बाद बोर्ड कक्षा में अपना स्कूल बदलता है तो उसे 5 हजार रुपए अधिक फीस देनी होगी। यह व्यवस्था बोर्ड ने फर्जीवाड़े को रोकने के लिए की है।

जयपुर। सीबीएसई ने हाल ही स्कूल बदलने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव से परीक्षार्थी पर आर्थिक भार पड़ेगा। लेकिन यह व्यवस्था बोर्ड ने फर्जीवाड़े को रोकने के लिए की है। अब यदि कोई परीक्षार्थी कक्षा 9 या 11 में रजिस्ट्रेशन के बाद बोर्ड कक्षा में अपना स्कूल बदलता है तो उसे पांच हजार रुपए अधिक फीस देनी होगी। यह नियम सत्र 2019—2020 के 10 वीं और 12 वीं बोर्ड परीक्षा के विद्यार्थियों पर लागू होगा। कई बार विद्यार्थी और उनके अभिभावक अपने हित में स्कूल से ट्रांसफर लेते हैं। इसमें कई बार स्कूल और विद्यार्थी की साठगांठ भी होती है। रजिस्ट्रेशन के बाद और परीक्षा फॉर्म भराने से पहले बड़े स्तर पर ट्रांसफर होते हैं। इस गड़बड़ी को रोकने के लिए बोर्ड ने नियम को कड़ा किया है। सीबीएसई ने इसकी जानकारी स्कूलों को दे दी है। अभी तक तो केवल बोर्ड परीक्षार्थी को स्कूल बदलने के लिए आवेदन करना होता था। स्कूल के माध्यम से बोर्ड को आवेदन करने के बाद बोर्ड आदेश देता था, इसके बाद विद्यार्थी का स्कूल बदल जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
बताना होगा कारण

बोर्ड परीक्षार्थी अब बिना वजह के स्कूल नहीं बदल पाएंगे। अब फीस के साथ ही उन्हें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी लगाने होंगे। इसमें अभिभावक के ट्रांसफर के दस्तावेज, एनरॉलमेंट नंबर, रिपोर्ट कार्ड आदि लगाने होंगे। जगह बदलने पर किरायानामा के साथ आवासीय प्रमाणपत्र भी देना होगा। हॉस्टल बदलने की स्थिति में भी दस्तावेज देने होंगे। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज के अनुसार पहले मेडिकल ग्राउंड आदि पर विद्यार्थी स्कूल बदलने के लिए आवेदन करते थे। परीक्षा के समय स्कूल बदलने के लिए काफी आवेदन आते हैं। इसमें विद्यार्थी वजह स्पष्ट नहीं कर पाते हैं। साथ ही अन्य फर्जीवाड़े भी इस व्यवस्था से रुकेंगे। इसीलिए फीस लेने का प्रावधान किया गया है।
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