अब ये खास…
– बोर्ड ने तय किया है कि 10वीं कक्षा के छात्रों को उत्तीर्ण होने के लिए अब हर विषय में सैद्धांतिक और प्रायोगिक परीक्षा को मिलाकर 33 प्रतिशत अंक लाने होंगे, जबकि 12वीं के छात्रों के लिए प्रायोगिक, सैद्धांतिक परीक्षा के साथ ही आंतरिक मूल्यांकन में भी अलग-अलग 33 फीसदी अंक लाना जरूरी होगा।
– स्कूलों को पास अंक मापदंड की जानकारी उपलब्ध करा दी गई है और इस बारे मे एक परिपत्र भी जारी किया गया है, इसमें विषयवार अंक और उसके हिसाब से पास करने के अंक का ब्योरा दिया गया है।
– नए मापदंड के मुताबिक 10 वीं कक्षा में पास होने के लिए हर विषय में प्रायोगिक और सैद्धांतिक परीक्षा में मिलाकर 33 प्रतिशत अंक लाने होंगे, लेकिन बारहवीं में ऐसा नहीं है। बारहवीं कक्षा के छात्रों को पास होने के लिए प्रायोगिक, सैद्धांतिक पर्चे के साथ ही आंतरिक मूल्यांकन में अलग-अलग 33 फीसदी अंक लाने अनिवार्य होंगे।
– बोर्ड की 12वीं परीक्षा में 70 अंक वाले विषय में 23 अंक और 80 अंक वाले विषय में 26 अंक लाना अनिवार्य होगा। इतने अंक लाने के बाद ही परीक्षार्थी पास हो पाएंगे। वहीं प्रायोगिक परीक्षा में 20 अंक में से छह अंक लाना जरूरी हैं। सीबीएसई ने 2020 सत्र से सभी विषयों की अंक व्यवस्था में बदलाव किया है।
– जिन विषयों में प्रायोगिक परीक्षा नहीं होती है, उन विषयों में इस बार से आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था की गई है। अधिकतर विषयों में आंतरिक मूल्यांंकन के तहत 20 अंक रखे गए हैं। वहीं प्रायोगिक परीक्षा 30 अंकों की होगी।
– सीबीएसई इस बार से 10वीं कक्षा में मार्च 2020 को समाप्त हो रहे सत्र से गणित विषय में दो स्तरीय परीक्षा लेने जा रहा है। एक परीक्षा स्टैंडर्ड गणित और दूसरी बेसिक गणित की होगी।
– राष्ट्रीय पाठ्यचर्या 2005 के परीक्षा सुधार पर नेशनल फ ोकस ग्रुप के पत्र में कहा गया है कि छात्रों एवं स्कूलों को विषय चुनने संबंधी विकल्प की कुछ छूट होनी चाहिए, जिसमें दो स्तरीय परीक्षा व्यवस्था हो। इससे छात्रों पर बोझ और तनाव कम होगा।
– मार्च, 2020 के समाप्त सत्र से दसवीं कक्षा में गणित विषय में दो स्तरीय परीक्षा लेने की बात कही गई है। दोनों स्तर की परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम कक्षा की पढ़ाई तथा आंतरिक मूल्यांकन समान रहेगा।
– बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि स्टैंडर्ड परीक्षा उन छात्रों के लिए होगी, जो उच्च माध्यमिक स्तर पर गणित विषय लेंगे। बेसिक गणित परीक्षा उन छात्रों के लिए होगा, जो उच्च स्तर पर गणित लेने के इच्छुक नहीं होंगे। बेसिक गणित के प्रश्न हल्के, जबकि स्टैंडर्ड गणित के प्रश्न कठिन और कंसेप्ट आधारित रहेंगे।
– सीबीएसई ने सभी विद्यालयों से 10वीं व 12वीं की प्री-बोर्ड परीक्षाएं 16 से 30 दिसंबर के बीच सुविधा अनुसार कराने के निर्देश दिए है। प्री-बोर्ड परीक्षा के लिए बोर्ड की समय सारणी जारी कर दी गई है। प्री- बोर्ड की परीक्षाएं विद्यालयों को दो पारियों में से किसी एक पारी में अपनी सुविधानुसार कराने को कहा गया है। सुबह की पारी में सुबह 9.30 से दोपहर 12.30 बजे एवं शाम की पारी में दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक प्री-बोर्ड परीक्षाएं कराई जा सकती हैं।
भविष्य को देखते किए बदलाव सीबीएसई ने इस बार जो बदलाव किए हैं वे महत्वपूर्ण है। भविष्य को देखते हुए ये परिवर्तन किए जा रहे हैं ताकि ग्लोबली हमारे बच्चे बेहतर कर सकें।
ओपी यादव, प्रधानाचार्य, केन्द्रीय विद्यालय (२), उदयपुर