ग्रेड-३ के स्कूल होंगे सबसे बेहतर
सुबोध स्कूल के टीचर डॉ. संजय पाराशर के अनुसार स्कूलों को सीबीएसई को ऑनलाइन रिपोर्ट बनाकर भेजनी होगी। इसके लिए बोर्ड की ओर से जल्द ही ट्रेनिंग सेशन भी आयोजित किए जाएंगे। स्कूल को हर पैरामीटर में एग्जामिन करने के बाद ही ग्रेडिंग दी जाएगी। स्कूल्स को तीन कैटेगरी में बांटा जाएगा। जहां कैटेगरी ३ सबसे बेटर स्कूल्स होंगे और कैटेगरी १ में एवरेज स्कूलों को रखा जाएगा।
स्कोलास्टिक प्रोसेस को सबसे ज्यादा २५ परसेंट माक्र्स
सबसे ज्यादा माक्र्स स्कोलास्टिक प्रोसेस के २५ परसेंट और को-स्कोलास्टिक प्रोसेस के १५ परसेंट माक्र्स होंगे। वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर, ह्यूमन रिसोर्स, इन्क्लूसिव प्रैक्टिसेज, मैनेजमेंट एंड गवर्नेंस, लीडरशिप और बेनिफिशियरी सेटिस्फेक्शन सभी १०-१० परसेंट के होंगे। इन सभी आठ ग्रुप में स्कूल को मार्किंग देने के बाद फाइनल माक्र्स के आधार पर रैंकिंग की जाएगी।
ग्रेड के आधार पर स्कूल चुनने में होगी आसानी
भारतीय विद्या भवन विद्याश्रम स्कूल की प्रिंसिपल प्रतिमा शर्मा के अनुसार बोर्ड के इस इनिशिएटिव से बच्चों को निश्चित रूप से फायदा होगा। स्कूल की ग्रेडिंग के आधार पर पैरेंट्स बच्चों के लिए स्कूल चुन सकेंगे। वहीं स्कूल्स में भी और हेल्दी स्टडी एनवायर्नमेंट तैयार होगा। कॉम्पीटिशन के चलते स्कूल अपनी एकेडमिक और दूसरी फैसिलिटीज में अधिक सुधार करेंगे।