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सीसीएल ने बढ़ाई शिक्षकों की परेशानी

locationजयपुरPublished: Apr 29, 2021 07:23:13 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

सीसीएल ने बढ़ाई शिक्षकों की परेशानी

सीसीएल ने बढ़ाई शिक्षकों की परेशानी

सीसीएल ने बढ़ाई शिक्षकों की परेशानी



जयपुर, 29 अप्रेल
कोविड के लगातार बढ़ते संक्रमण के बीच अचानक शिक्षा विभाग की ओर से 22 अप्रैल से 6 जून तक समर वेकेशन घोषित कर दिया गया इससे सीसीएल स्वीकृत कराकर पहले से ही छुट्टी पर चल रही सैकड़ों शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है। अब वह अपनी सीसीएल संशोधन नहीं करवा पा रहे और ना ही उन्हें समझ आ रहा है कि क्या अवकाश समाप्त होने के बाद उन्हें अगले दिन स्कूल आकर ज्वॉइन करना है अथवा नहीं।
गौरतलब है कि हर साल शिविरा पंचांग के अनुसार शिक्षा विभाग में 17 मई से 20 जून तक ग्रीष्मावकाश घोषित किया जाता है। जिसे ध्यान में रखते हुए शिक्षक शिक्षिकाओं ने पूर्व निर्धारित ग्रीष्मावकाश के मुताबिक सीसीएल लिया था लेकिन इस बार ग्रीष्मवकाश 22 अप्रेल से ही शुरू हो गए। अब शिक्षकों के समक्ष समस्या पैदा हो गई है क्योंकि उनकी सीसीएल 23 अप्रेल से 6 जून के बीच में पूरा हो रहा है। ऐसे में यदि वह अपनी सीसीएल में संशोधन नहीं करवाते तो ग्रीष्मावकाश में भी उन्हें सीसीएल पर ही रहना होगा, जबकि वह विभाग की ओर से दिए गए ग्रीष्मावकाश का उपयोग करना चाहते है। इतना ही नहीं उनके पास इस संबंध में भी स्पष्ट निर्देश नहीं कि सीसीएल समाप्ति के बाद उन्हें अगले दिन स्कूल आकर ज्वॉइन करना है अथवा नहीं क्योंकि वर्तमान में माध्यमिक और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय पूरी तरह से बंद हैं। इन शिक्षकों का कहना है कि वह 22 अप्रैल से ग्रीष्मावकाश घोषित हो जाने के कारण 15 मई तक की अवधि के लिए पहले लिए गए सीसीएल के आशिक भाग को निरस्त करवाना चाहते हैं लेकिन ग्रीष्मावकाश उपयोग करने की प्रक्रिया के बारे में पीईईओ भी स्पष्ट निर्देश नहीं दे पा रहे जिससे उनको परेशान होना पड़ रहा है। ना ही उन्हें अवकाश के बाद स्कूल आकर ज्वॉइन करना है अथवा नहीं के संबध में स्पष्ट हो पा रहा है।
स्पष्ट निर्देश जारी करने की मांग
इन शिक्षकों ने अब शिक्षा मंत्री, प्रमुख शासन सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक को ज्ञापन भेजकर 15 मई तक सीसीएल स्वीकृत करवा कर अवकाश पर चल रही शिक्षिकाओं के लिए स्वीकृत सीसीएल में संशोधन जारी करने के आदेश जारी करवाने का मानस बनाया है। वहीं राजस्थान प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक संघ के महेंद्र पांडे का कहना है कि स्कूलों में 23 अप्रेल से 6 जून तक ग्रीष्मावकाश है। कई शिक्षक और शिक्षिका प्रसूति अवकाश, सीसीएल का उपभोग कर रही हैं। कई शिक्षक मेडिकल लीव पर हैं जिनका अवकाश 23 अप्रेल से 6 जून तक पूरा हो रहा है, ऐसी स्थिति में बार बार पूछा जा रहा है कि अवकाश पूर्ण होने पर क्या अगले दिन उन्हें स्कूल जाकर ज्वॉइन करना अनिवार्य है। पांडे ने कहा कि कार्मिक द्वारा स्वीकृत करवाए गए अवकाश के दिन से पहले दिन या अवकाश पूर्ण होने के दिन यदि सरकारी अवकाश होता है तो कार्मिक द्वारा कार्य दिवस होने पर ही ज्वॉइन किया जा सकता है। राजस्थान सेवा नियम वॉल्यूम प्रथम के नियम 63 में यह स्थिति स्पष्ट की गई है। ऐसी परिस्थिति में अवकाश पूर्ण होने के अगले दिन से ग्रीष्मावकाश का उपभोग करने वाले और ग्रीष्मावकाश पूर्ण होने के अगले दिन स्कूल पहुंचने की जानकारी अपने संस्था प्रधान और आहरण अधिकारी को देनी चाहिए लेकिन अभी माध्यमिक और प्रांरभिक शिक्षा दोनों ही निदेशालय पूरी तरह से बंद हैं। ऐसे में अवकाश पर चल रहे कार्मिकों को राजस्थान सेवा नियम 63 के अनुसार ग्रीष्मावकाश में अवकाश पूर्ण होने के अगले दिन ज्वॉइन करने के लिए स्कूल बुलाया जाना आवश्यक नहीं है। इसे लेकर पीईईओ को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए जिससे शिक्षकों की परेशानी दूर हो सके।

जयपुर, 29 अप्रेल
कोविड के लगातार बढ़ते संक्रमण के बीच अचानक शिक्षा विभाग की ओर से 22 अप्रैल से 6 जून तक समर वेकेशन घोषित कर दिया गया इससे सीसीएल स्वीकृत कराकर पहले से ही छुट्टी पर चल रही सैकड़ों शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है। अब वह अपनी सीसीएल संशोधन नहीं करवा पा रहे और ना ही उन्हें समझ आ रहा है कि क्या अवकाश समाप्त होने के बाद उन्हें अगले दिन स्कूल आकर ज्वॉइन करना है अथवा नहीं।
गौरतलब है कि हर साल शिविरा पंचांग के अनुसार शिक्षा विभाग में 17 मई से 20 जून तक ग्रीष्मावकाश घोषित किया जाता है। जिसे ध्यान में रखते हुए शिक्षक शिक्षिकाओं ने पूर्व निर्धारित ग्रीष्मावकाश के मुताबिक सीसीएल लिया था लेकिन इस बार ग्रीष्मवकाश 22 अप्रेल से ही शुरू हो गए। अब शिक्षकों के समक्ष समस्या पैदा हो गई है क्योंकि उनकी सीसीएल 23 अप्रेल से 6 जून के बीच में पूरा हो रहा है। ऐसे में यदि वह अपनी सीसीएल में संशोधन नहीं करवाते तो ग्रीष्मावकाश में भी उन्हें सीसीएल पर ही रहना होगा, जबकि वह विभाग की ओर से दिए गए ग्रीष्मावकाश का उपयोग करना चाहते है। इतना ही नहीं उनके पास इस संबंध में भी स्पष्ट निर्देश नहीं कि सीसीएल समाप्ति के बाद उन्हें अगले दिन स्कूल आकर ज्वॉइन करना है अथवा नहीं क्योंकि वर्तमान में माध्यमिक और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय पूरी तरह से बंद हैं। इन शिक्षकों का कहना है कि वह 22 अप्रैल से ग्रीष्मावकाश घोषित हो जाने के कारण 15 मई तक की अवधि के लिए पहले लिए गए सीसीएल के आशिक भाग को निरस्त करवाना चाहते हैं लेकिन ग्रीष्मावकाश उपयोग करने की प्रक्रिया के बारे में पीईईओ भी स्पष्ट निर्देश नहीं दे पा रहे जिससे उनको परेशान होना पड़ रहा है। ना ही उन्हें अवकाश के बाद स्कूल आकर ज्वॉइन करना है अथवा नहीं के संबध में स्पष्ट हो पा रहा है।
स्पष्ट निर्देश जारी करने की मांग
इन शिक्षकों ने अब शिक्षा मंत्री, प्रमुख शासन सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक को ज्ञापन भेजकर 15 मई तक सीसीएल स्वीकृत करवा कर अवकाश पर चल रही शिक्षिकाओं के लिए स्वीकृत सीसीएल में संशोधन जारी करने के आदेश जारी करवाने का मानस बनाया है। वहीं राजस्थान प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक संघ के महेंद्र पांडे का कहना है कि स्कूलों में 23 अप्रेल से 6 जून तक ग्रीष्मावकाश है। कई शिक्षक और शिक्षिका प्रसूति अवकाश, सीसीएल का उपभोग कर रही हैं। कई शिक्षक मेडिकल लीव पर हैं जिनका अवकाश 23 अप्रेल से 6 जून तक पूरा हो रहा है, ऐसी स्थिति में बार बार पूछा जा रहा है कि अवकाश पूर्ण होने पर क्या अगले दिन उन्हें स्कूल जाकर ज्वॉइन करना अनिवार्य है। पांडे ने कहा कि कार्मिक द्वारा स्वीकृत करवाए गए अवकाश के दिन से पहले दिन या अवकाश पूर्ण होने के दिन यदि सरकारी अवकाश होता है तो कार्मिक द्वारा कार्य दिवस होने पर ही ज्वॉइन किया जा सकता है। राजस्थान सेवा नियम वॉल्यूम प्रथम के नियम 63 में यह स्थिति स्पष्ट की गई है। ऐसी परिस्थिति में अवकाश पूर्ण होने के अगले दिन से ग्रीष्मावकाश का उपभोग करने वाले और ग्रीष्मावकाश पूर्ण होने के अगले दिन स्कूल पहुंचने की जानकारी अपने संस्था प्रधान और आहरण अधिकारी को देनी चाहिए लेकिन अभी माध्यमिक और प्रांरभिक शिक्षा दोनों ही निदेशालय पूरी तरह से बंद हैं। ऐसे में अवकाश पर चल रहे कार्मिकों को राजस्थान सेवा नियम 63 के अनुसार ग्रीष्मावकाश में अवकाश पूर्ण होने के अगले दिन ज्वॉइन करने के लिए स्कूल बुलाया जाना आवश्यक नहीं है। इसे लेकर पीईईओ को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए जिससे शिक्षकों की परेशानी दूर हो सके।
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