सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बोर्ड बनाए जाने की अधिसूचना जारी कर दी है। अब यह बोर्ड ही पूरे देश में सडक सुरक्षा के लिए जिम्मेंवार होगा। केंद्र सरकार काफी दिनों से यह बोर्ड बनाने की कयावद कर रही थी लेकिन संयुक्त सचिव अमित वरदान ने बोर्ड के गठन का आदेश जारी कर दिया है।
इस बोर्ड के पास खतरनाक वाहनों को रीकॉल करने और सुरक्षा उपकरणों की लागत सहित अन्य कई अधिकार होंगे जिससे सडक सुरक्षा को बढाया जा सके और दुर्घटना को कम किया जा सके।इसके अलावा सड़क हादसों की जांच रिपोर्टो का विश्लेषण कर भविष्य की योजनाएं तैयार करनी होंगी। बोर्ड को सुरक्षा उपकरणों की लागत तय करने का भी अधिकार होगा।
बोर्ड सडक दुर्घटना में घायलों के लिए ट्रामा सुविधाओं की स्थापना और उसके सफल संचालन का तरीका तय करेगा। परिवहन व्यवस्था के अलावा पुलिस,डाक्टरों, इंजीनियरों और शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े लोगों के लिए सड़क सुरक्षा संबंधी दिशानिर्देश भी बोर्ड की देगा। अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ भारत के तकनीकी मानकों को समाामेलित करने का दायित्व बोर्ड बनेगा।
बोर्ड में केवल केंद्र और राज्य सरकारों के सेवानिवृत नौकरशाह ही इसके अध्यक्ष या सदस्य हो सकते हैं। बोर्ड अध्यक्ष के अलावा कम से कम 3 और अधिकतम सात सदस्य हो सकते हैं। केंद्र सरकार के सचिव पद से सेवानिवृत कोई भी अधिकारी अध्यक्ष, जबकि केंद्र या राज्य किसी में भी अतिरिक्त सचिव पद से सेवानिवृत्त व्यक्ति सदस्य हो सकता है। हालांकि बोर्ड से सेवा समाप्ति के बाद बोर्ड से जुड़ा किसी भी तरह का काम करने की अनुमति नहीं होगी।
बोर्ड का मुख्य कार्य सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं पर केंद्र व राज्य सरकारों को सलाह देने का होगा। इनमें दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सड़कों और वाहनों के डिजाइन में सुधार के सुझाव, यातायात को सुगम व निर्बाध बनाने के उपाय,यातायात प्रबंधन, वाहनों के मानक, वाहनों का रजिस्ट्रेशन और लाइसेंसिंग, रोड साइन और संकेतकों के मानक, सड़क व फुटपाथ में निर्माण में प्रयुक्त होने वाली सामग्री और तकनीकी के मानक, नए वाहनों तथा ईधनों की प्रौद्योगिकी तथा उसे प्रोत्साहन के लिए जरूरी उपायों के बारे में सलाह देना शामिल है।