गहलोत ने संवाद में तीसरी लहर से बचने के लिए वैक्सीनेशन के साथ मास्क तथा कोरोना प्रोटोकॉल की पालना पर जोर दिया गया और कहा कि इन सावधानियों के प्रति लापरवाही बरतना तीसरी लहर को न्योता देना हैं।गहलोत ने तो अपने चिर परिचित अंदाज में कोरोना को बहुरूपिया बताते हुए कहा कि तीसरी वेव आएगी या नहीं, कह नहीं सकते पर इससे बचने के उपाय तो करने ही है, उसके लिए जनता का भी उतना ही सहयोग चाहिए जितना इस लहर से बचाव के लिए चिकित्सा संसाधनों का जरूरी है।
गहलोत ने कहा कि कोरोना के म्युटेंट बदलते जा रहे हैं। डेल्टा वैरियंट ने दूसरी लहर में मृत्यु दर बढ़ा दी, यह बहुत घातक था। पहली वेव में तो लग रहा था कि भारत और आसपास के देशों में इम्युनिटी ज्यादा थी, इस वजह से असर नहीं हुआ। दूसरी लहर ने हिलाकर रख दिया, ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मच गया। कई जगह अस्पतालों में लोग मर गए। दिल्ली में जयुपर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने से 26 लोग मर गए, एक बार तो मैं भी जयपुर का नाम सुनकर हिल गया था। कोरोना बहुरूपिया की तरह रूप बदलता है। तीसरी लहर आएगी या नहीं, किसी को नहीं पता। दूसरी लहर भी अचानक आई थी। कह रहे हैं कि तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी।
विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का 62 फीसदी वैक्सीनेशन करने से दूसरी वेव में इस एज वालों की मौतें कम हुईं। हमें लक्ष्य बनाकर वैक्सीनेशन करना होगा। उन्होंने कहा कि 70 फीसदी वैक्सीनेशन जल्द से जल्द पूरा करें, तभी हम तीसरी लहर को रोक पाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार वैक्सीनेशन में अव्वल है। हमारी बेवजह खूब आलोचना की गई लेकिन हमने वैक्सीनेशन की रफ्तार नहीं रुकने दी। अभी भी हम एक दिन में 15 लाख वैक्सीनेशन की क्षमता रखते हैं। केंद्र सरकार हमें कम से कम 60 लाख वैक्सीन की डोज तो एडवांस दे। चार दिन का कोटा एडवांस रहेगा, तभी हम बेहतर तरीके से लगातार वैक्सीनेशन कर सकेंगे। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर कह रहे हैं कि दिसंबर तक सबको वैक्सीनेट कर देंगे, लेकिन रोडमैप अब तक नहीं बताया।