अब 5 वीं और 8 वीं कक्षाऐं नियमित रूप से करनी होंगी पास
प्रारंभिक शिक्षा में इस कानून का सकारात्मक असर आएगा। देवनानी ने कहा मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की पहल पर शिक्षा में उठाए गए सुधारों के तहत प्रदेश में कक्षा 5 की डाईट द्वारा तथा 8 की परीक्षा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा परीक्षाएं करवाने की पहले से ही शुरूआत कर दी गयी थी। इसी शिक्षा सत्र से प्रदेश में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक 2018 की व्यवस्था को लागू किया जाएगा। राज्य में विद्यार्थियों को कक्षा 5 और 8 की परीक्षाएं अनिवार्य रूप से पास करनी होगी।
प्रारंभिक शिक्षा में इस कानून का सकारात्मक असर आएगा। देवनानी ने कहा मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की पहल पर शिक्षा में उठाए गए सुधारों के तहत प्रदेश में कक्षा 5 की डाईट द्वारा तथा 8 की परीक्षा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा परीक्षाएं करवाने की पहले से ही शुरूआत कर दी गयी थी। इसी शिक्षा सत्र से प्रदेश में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक 2018 की व्यवस्था को लागू किया जाएगा। राज्य में विद्यार्थियों को कक्षा 5 और 8 की परीक्षाएं अनिवार्य रूप से पास करनी होगी।
गौरतलब है कि केन्द्र सराकर द्वारा राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी की अध्यक्षता में केन्द्र सरकार के स्तर पर ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ के सबंध में कमेटी का गठन किया गया था। इसमें आठवी तक फेल नहीं करने की नीति में सुधार कर शिक्षा हित में बहुत से बदलाव किए जाने की अनुसंशाएं की गयी थी। देवनानी की पहल पर उनकी अध्यक्षता में बनी कमेटी ने 8 वीं में फेल नहीं करने की व्यवस्था खत्म करने के संबंध में सभी राज्यो से सुझाव मांगे थे। कमेटी ने इस पॉलिसी में सुधार करने और बदलाव किए जाने पर देशभर में सहमति निर्माण में भी महत्ती भूमिका निभाई।
5 और 8 में फेल नहीं करने की नीति के साथ दिया इस बात पर जोर शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कक्षा 5 और 8 में फेल नहीं करने की नीति को बदले जाने के साथ ही प्रत्येक कक्षा में स्थानीय स्तर पर विद्यार्थियों का सत्त मूल्यांकन किए जाने पर भी जोर दिया था। इस पर भी केन्द्रीय स्तर पर सहमति बनी और और अब यह व्यवस्था देशभर मे लागू की जा रही है। इसी के अंतर्गत प्रत्येक कक्षा के लिए विद्यार्थी की पात्रता का एक निश्चित लर्निंग लेवल तय करने, लर्निग लेवल को सभी विद्यार्थियाें को प्राप्त करना अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किए जाने आदि की बातें कही गयी थी।