इस अवसर पर विश्नोई ने कहा कि राजस्थान में वनों के संवर्धन और संरक्षण के लिए राज्य सरकार कई स्तरों पर लगातार कार्य कर रही है इस दिशा में केंद्र सरकार से मिले इस सहयोग से राज्य में चल रही वनों के संरक्षण और क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण से संबंधित योजनाओं को गति देने में मदद मिलेगी।
बैठक में विश्नोई ने मांग रखी कि, राजस्थान का कल्पवृक्ष माने वाले खेजड़ी के पेड़ के संरक्षण और विकास के लिए केंद्र सरकार अतिरिक्त मदद प्रदान करे। ताकि राजस्थान की जलवायु और जरूरतों के अनुसार सर्वाधिक उपयोगी इस पेड़ को बचाया जा सके तथा इसके विस्तार के लिए संबंधित किसानों को मदद पहुंचाई जा सके।
विश्नोई ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि प्रतीकरात्मक वन रोपण निधि नियम 2018 के नियम 5 के उप नियम 3(जे) के प्रावधान में आंशिक संशोधन किया जाए ताकि राज्य का हरित आवरण 20 प्रतिशत तक करने के उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद मिल सके। इस प्रावधान में छूट देने का प्रस्ताव रखते हुए विश्नोई ने कहा कि राजकीय भूमि के अलावा सामुदायिक और निजी स्वामित्व वाली भूमियों पर भी वनीकरण के लिए वन पौधशालाओं से पौध वितरण कार्य अनुदानित दर पर किया जाने की स्वीकृति दी जानी चाहिए। ताकि वनीकरण के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।