केन्द्र सरकार ने मजदूरों को न राशन उपलब्ध कराया न ही कोई पैकेज :खाचरियावास
जयपुरPublished: May 29, 2020 12:02:14 am
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए आदेश दिए इसके बावजूद केंद्र सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। केंद्र सरकार ने मजदूरों को एक रुपए की भी सीधी सहायता नहीं दी गई है। राशन उपलब्ध नहीं कराया गया, मजदूरों को कोई पैकेज भी नहीं दिया गया है। करोड़ों मजदूर पिछले 2 महीने से भारत की सड़कों पर पैदल चल रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी तक एक शब्द भी उनके दर्द को दूर करने के लिए नहीं बोला है।
केन्द्र सरकार ने मजदूरों को न राशन उपलब्ध कराया न ही कोई पैकेज :खाचरियावास जयपुर
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने केन्द्र सरकार को जमकर आड़ हाथों लिया। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है की केंद्र सरकार को आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति छोड़कर मजदूरों के लिए डायरेक्ट पैसा, राशन और रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए अन्यथा देश के हालात और बिगड़ जाएंगे।
खाचरियावास ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए आदेश दिए इसके बावजूद केंद्र सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। केंद्र सरकार ने मजदूरों को एक रुपए की भी सीधी सहायता नहीं दी गई है। राशन उपलब्ध नहीं कराया गया, मजदूरों को कोई पैकेज भी नहीं दिया गया है। करोड़ों मजदूर पिछले 2 महीने से भारत की सड़कों पर पैदल चल रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी तक एक शब्द भी उनके दर्द को दूर करने के लिए नहीं बोला है।
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि पूरे देश में सैकड़ों—हजारों किलोमीटर पैदल घर के लिए निकले मजदूरों के दुख और बेबसी को देख कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित किसी भी केंद्रीय मंत्री का दिल नहीं पसीजा रहा है। आज भी मजदूर सड़कों पर दर्द और भूख से बेहाल होकर दम तोड़ रहे हैं। कहीं पर मां, कहीं पर बच्चे की दर्दनाक मौत की तस्वीरें सामने आ रही हैं। रेलवे स्टेशन पर भूखे प्यासे मजदूर मौत का शिकार हो रहे हैं। रेलवे स्टेशनों पर पानी और भोजन की व्यवस्था भी रेल मंत्रालय नहीं करा पा रहा है। अच्छा होता केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय पूरे देश में सभी जगह रेलों का संचालन शुरू कर देता तो मजदूरों को घर पहुंचने में आसानी हो सकती थी। एक सर्वे में स्पष्ट हुआ है कि अब तक 667 मजदुर थकान भुखमरी पुलिस जुल्म इलाज के अभाव में सड़क हादसों में खुदकुशी डर और अकेलेपन के कारण मौत का शिकार हो चुके हैं।
खाचरियावास ने कहा कि अब वक्त आ गया है की केंद्र सरकार को आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति छोड़कर मजदूरों के लिए डायरेक्ट पैसा, राशन और रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए अन्यथा देश के हालात और बिगड़ जाएंगे।