प्रधानमंत्री को लिखा फिर से पत्र
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राजस्थान के किसानों की कर्जमाफी के बारे में पुन ध्यान दिलाना पड़ा क्योंकि 18 दिसंबर को पीएम ने बीजेपी द्वारा आयोजित मध्य प्रदेश के किसान सम्मेलन में कहा कि राजस्थान में किसान कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं। जबकि ऐसा नहीं हैए वास्तविकता दूसरी है। कोई भी किसान ऐसा नहीं है जो राजस्थान सरकार के अधीन आने वाले सहकारी बैंकों से कर्जमाफी का इंतजार कर रहा हो। कर्जमाफी का इंतजार वही बचे हुये किसान कर रहे हैं जिन्होंने केंद्र सरकार के अधीन राष्ट्रीयकृत एवं वाणिज्यिक बैंकों से कर्ज लिया और केंद्र सरकार ने उनके कर्ज माफ नहीं किये हैं।
नहीं पैदा होती ऐसी स्थितियां
यह भी विडंबना है कि एक तरफ तो बीजेपी के नेता भ्रम फैलाकर राजस्थान के किसानों को भड़का रहे हैं और दूसरी ओर जो किसान एक महीने से धरने पर बैठे हुये हैं उनसे अभी तक कोई सकारात्मक संवाद नहीं हुआ है। मीडिया के मुताबिक 40 से अधिक किसानों की मौत हो गई है। अगर केंद्र सरकार ये बिल लाने से पहले किसान संगठनोंए कृषि विशेषज्ञों और राजनीतिक दलों से संवाद स्थापित करती तो इस तरह की परिस्थितियां पैदा नहीं होती।
मुख्यमंत्री गहलोत ने साधा निशाना
किसानों की समस्याओं का समाधान ना करने के कारण उनके दिल.दिमाग में सरकार के प्रति भंयकर आक्रोश है। सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था लेकिन आपकी सरकार की नीतियों और आज की परिस्थितियों को देखकर यह वादा पूरा होता हुआ नहीं लग रहा है। केंद्र सरकार को अपना अहम छोड़कर अविलंब किसानों से संवाद स्थापित करना चाहिये। साथ हीए किसानों को राहत देने के लिये राष्ट्रीयकृतए वाणिज्यिक एवं भूमि विकास बैंकों से ऋण लिए हुये किसानों के कर्जमाफ कर उन्हें राहत देनी चाहिये।