चौधरी ने कहा कि देशभर के किसान अब देश में कही भी अपनी फसल को बेच सकेंगे। मोदी सरकार ने एक देश एक बाजार नीति को मंजूरी दे दी है। एक देश एक बाजार शुरू होने के बाद अब किसान को अपनी फसल के लिए जहां भी ज्यादा दाम मिलेंगे वह वहां फसल बेचने लिए पूरी तरह से फ्री होगा। इस नीति को लागू करने के लिए सरकार एसेंशियल कमोडिटी एक्ट 1955 में भी बदलाव कर रही है। उन्होंने बताया कि कृषि मंडी के बाहर किसान की उपज की खरीद-बिक्री पर किसी भी सरकार का कोई टैक्स नहीं होगा और न ही कोई कानूनी बंधन होगा।
आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को मंजूरी चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने साढ़े छह दशक पुराने आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी ताकि अनाज, दलहन और प्याज सहित खाद्य वस्तुओं को नियमन के दायरे से बाहर किया जा सके। अनाज, तेल, तिलहन, दाल, प्याज, आलू आदि को इससे बाहर कर दिया गया है। अब किसान मर्जी के मुताबिक निर्यात और भंडारण कर सकेंगे। चौधरी ने कहा कि किसानों को उपज की बेहतर कीमतें दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने कांट्रैक्ट फार्मिंग पर मॉडल कानून को हरी झंडी दिखा दी है। इसमें केवल खेती ही नहीं बल्कि डेयरी, पोल्ट्री और पशुपालन को भी कवर किया गया है।