राजस्थान में राज्य सरकार की ओर से कोई कटौती नहीं की गई है, लेकिन इस कटौती से पेट्रोल पर करीब तीन व डीजल पर पौने तीन रुपए की राहत मिलेगी। उधर, कांग्रेस ने तेल की कीमतों में कटौती की घोषणा को जनता की आंख में धूल झोंकने का प्रयास बताया है।
गुरुवार को जयपुर में ये थे पेट्रोल-डीजल के दाम
पेट्रोल – 84 रुपए 43 पैसा/लीटर
डीजल – 77 रुपए 77 पैसा/लीटर भाजपा शासित 11 राज्यों ने घटाए दाम केंद्र सरकार की इस घोषणा के बाद महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, असम और हरियाणा ने भी वैट में इतनी ही कटौती करते हुए तेल के दामों में राहत दी है, जिससे दोनों ईंधन के दाम पांच रुपए प्रति लीटर तक कम हो जाएंगे।
पेट्रोल – 84 रुपए 43 पैसा/लीटर
डीजल – 77 रुपए 77 पैसा/लीटर भाजपा शासित 11 राज्यों ने घटाए दाम केंद्र सरकार की इस घोषणा के बाद महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, असम और हरियाणा ने भी वैट में इतनी ही कटौती करते हुए तेल के दामों में राहत दी है, जिससे दोनों ईंधन के दाम पांच रुपए प्रति लीटर तक कम हो जाएंगे।
कांग्रेस ने साधा निशाना वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवालाने ने केंद्र सरकार की घोषणा को जनता की आंख में धूल झोंकने का प्रयास बताया और कहा कि उसने यह फैसला जनता के गुस्से और पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर किया है। मोदी को बताना होगा कि विश्व बाजार से सस्ता तेल खरीदकर पिछले 52 माह के दौरान करीब 13 लाख करोड़ की जो जबरदस्त कमायी की गई, वह पैसा कहां गया।
तेल का चुनावी खेल… जेटली ने कहा कि बुधवार को लंदन के ब्रेंट क्रूड का वायदा 86 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया था और अमेरिका में ब्याज दर भी बढ़कर 3.2 प्रतिशत हो गई है, जो सात साल का उच्चतम स्तर है। इससे वैश्विक बाजार और विनिमय दर पर असर पड़ा है। इन सबका प्रभाव यह हुआ कि अमेरिका में फिर से डॉलर का निवेश बढ़ गया है। हमें वित्तीय घाटे पर असर डाले बिना स्थिति के अनुसार प्रतिक्रिया और राहत देनी होगी।
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि तेल विपणन कंपनियों को विदेशी बाजार से तेल बांड के जरिए 10 अरब डॉलर जुटाने की अनुमति दी गई है। सरकार ने उधारी जुटाने में 70 हजार करोड़ रुपए की कमी करते हुए तेल विपणन कंपनियों को यह अनुमति दी है। इसके साथ ही सरकार ने आयात कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके साथ मसाला बांड के जरिये राशि जुटाने की प्रक्रिया को लचीला बनाया गया है। इन सब वृहद आर्थिक कारकों से अर्थव्यवस्था में अस्थायित्व देखने को मिलेगा। वित्त मंत्री ने राज्यों से कर में कटौती के लिए कहे जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इसके लिए सीधे राज्यों से नहीं कहा जा सकता है, लेकिन इसको लेकर वह राज्यों को पत्र लिखेंगे।
राज्य में नौ सितंबर को घटाया था तेल पर वैट मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ठीक 25 दिन पहले यानी 9 सितंबर को पेट्रोल-डीजल पर से चार प्रतिशत वैट में कमी कर लोगों को राहत दी थी। राज्य सरकार के वैट कम करने के बाद पेट्रोल पर 2 रुपए 21 पैसा और डीजल के दाम में 2 रुपए 19 पैसा की कमी आई थी। पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दामों के कारण इस राहत का फायदा लोगों को 21 दिन तक ही मिल पाया।
डीलर्स ने की सरकार से मांग राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह भी अन्य राज्यों की तरह पेट्रोल-डीजल पर ढाई रुपए तक की कमी करे ताकि लोगों को सस्ता पेट्रोल मिल सके। एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनित बगई ने बताया कि राज्य में पूर्व में की गई कमी वह थी जो सरकार ने सत्ता में आने के बाद वैट में वृद्धि की थी।
बहुत देर कर दी…गहलोत अशोक गहलोत ने पेट्रोल डीजल की कीमतों में कटौती को लेकर बयान दिया और सरकार को आड़े हाथ लिया। केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने में बहुत देर कर दी। यह निर्णय आने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए किया गया है। पिछले कई महीनों से डीजल-पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी से लोगों की जेब पर वित्तीय भार पड़ा था, लेकिन सरकार चुनावों का इंतजार कर रही थी। यह कमी भी बहुत कम है। यह केवल जनता को भ्रमित करने का काम है।