जयपुर

हाई पॉवर्ड कमेटी ने देखा पीसीपीआइआर का मसौदा, हिस्सेदारी पर अभी फैसला बाकी

केन्द्रीय केबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली समिति के सामने प्रमुख उद्योग सचिव ने दिया प्रजेन्टेशन, आर्थिक मामलात समिति को जाएगी सिफारिश

जयपुरJan 25, 2022 / 07:12 pm

Pankaj Chaturvedi

जयपुर. पचपदरा रिफायनरी के आसपास 383 वर्ग किलोमीटर में प्रस्तावित पेट्रोलियम, केमिकल एवं पेट्रोकेमिकल इन्वेस्टमेंट रीजन (पीसीपीआइआर) का मामला अब केन्द्र सरकार में आगे बढ़ा है। केन्द्रीय केबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली हाई पॉवर्ड कमेटी के सामने राज्य सरकार ने पूरी परियेाजना का मसौदा पेश किया है।
हालांकि शुरुआती चरण में ही करीब 11 हजार करोड़ रुपए के संभावित निवेश की इस परियेाजना पर केन्द्र और राज्य की हिस्सेदारी को लेकर फैसला अभी भी तकनीकी पेंच में फंसा हुआ है। पिछले दिनों प्रमुख उद्येाग सचिव टी.रविकांत ने नई दिल्ली में पूरी परियेाजना का प्रारूप केन्द्रीय कमेटी के सामने रखा है। सूत्रों के अनुसार कमेटी ने सैद्धान्तिक तौर पर प्रोजेक्ट पर सहमति जताई है। हालांकि अब कमेटी अपनी सिफारिश केन्द्रीय केबिनेट की आर्थिक मामलात समिति के पास भेजेगी, जहां इस पर अंतिम फैसला किया जाएगा। यदि समिति राजी होती है तो फिर केन्द्र सरकार इस रीजन के लिए अधिसूचना जारी करेगी। इससे पहले, राज्य सरकार की ओर से पिछले वर्ष सितंबर में प्रोजेक्ट का शुरुआती मसौदा केन्द्रीय केमिकल एंड पेट्रोकेमिकल विभाग के सामने रखा गया था।
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2500 करोड़ की मांग, केन्द्र 500 करोड़ पर सहमत

सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार ने अपने मसौदे में परियोजना को पूरी करने के लिए केन्द्र के सामने तकरीबन 2500 करोड़ रुपए की केन्द्रीय सहायता की मांग की है। लेकिन पीसीपीआइआर पॉलिसी के वायबिलिटी गैप फंडिंग नियमों के तहत केन्द्र फिलहाल अधिकतम 500 करोड़ रुपए पर ही रजामंदी दी है। हालांकि, आला अधिकारियों की मानें तो राज्य सरकार की मंशा है कि पहले एक बार पीसीपीआइआर की अधिसूचना जारी हो। हिस्सेदारी का मसला बातचीत के जरिए हल कर लिया जाएगा।

11 हजार करोड़ के निवेश की उम्मीद
राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में इन्वेस्टमेंट रीजन से करीब 11 हजार करोड़ रुपए के संभावित निवेश का आकलन किया है। इसमें लगभग 7500 करोड़ रुपए औद्योगिक निवेश और 3500 करोड़ रुपए व्यावसायिक और आधारभूत ढ़ांचा विकास गतिविधियों से संभावित है। प्रोजेक्ट से प्रदेश में एक लाख से अधिक रोजगार के अवसरों का सृजन संभावित है।
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