जयपुर के पूर्व राजपरिवार सदस्य व राजसमंद से भाजपा सांसद दिया कुमारी ने आज छाछरो दिवस के अवसर पर अपने पिता ब्रिगेडियर भवानी सिंह को याद किया। उन्होंने ट्वीट सन्देश में लिखा, ‘7 दिसंबर 1971 की तारीख़ इतिहास में भारतीय सेना के अदम्य साहस और शौर्य गाथा की गवाह है। छाछरो दिवस, 10वीं पैरा बटालियन की स्वर्णिम गौरवगाथा है जिसे आज भी प्रत्येक भारतीय गर्व से याद करता है।‘
छाछरो विजय के बाद ब्रिगेडियर भवानी सिंह के शौर्य के चर्चे पूरे देशभर में होने लगे थे। इस जीत के बाद जयपुर आने पर शहर में भव्य स्वागत भी हुआ था। उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। दशकों तक जयपुर के सिटी पैलेस में 7 दिसम्बर को छाछरो दिवस के रूप में मनाया जाता रहा।
– 7 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान से युद्ध में भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए ‘छाछरो’ फतेह किया था
– पाकिस्तान के सिंध प्रांत के थारपारकर जिले में तहसील मुख्यालय है छाछरो
– बाड़मेर से करीब 160 किलोमीटर और गडरा रोड बॉर्डर से मात्र 70 किलोमीटर दूर है छाछरो
– भारतीय सेना ने पाकिस्तान की करीब 80 किलोमीटर तक की जमीन पर किया था कब्जा
– 16 दिसम्बर 1971 को किस्तान के जनरल नियाजी ने 93 हजार सैनिकों के साथ भारतीय सेना के समक्ष किया था समर्पण
– युद्ध में जयपुर के 12 जवानों समेत राजस्थान के 307 वीर सपूतों ने दी शहादत
– राजस्थान की सीमा पर जयपुर के ब्रिगेडियर भवानी सिंह के नेतृत्व में छाछरो इलाके को जीता गया था
– शिमला समझौते में यह जमीन पाकिस्तान को लौटा दी गई