scriptछाछरो विजय दिवस: पुत्री दिया कुमारी ने किया ‘ब्रिगेडियर’ पिता भवानी सिंह को याद, जानें क्यों मनाया जाता है ये ख़ास दिन | Chachro Raid by India against Pakistan, Diya Kumari remembers father | Patrika News

छाछरो विजय दिवस: पुत्री दिया कुमारी ने किया ‘ब्रिगेडियर’ पिता भवानी सिंह को याद, जानें क्यों मनाया जाता है ये ख़ास दिन

locationजयपुरPublished: Dec 07, 2020 11:21:54 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

49 वर्ष पहले आज के दिन फहराया था ‘छाछरो’ पर हिन्दुस्तानी पताका, तब से हर वर्ष आज का दिन मनाया जाता है ‘छाछरो विजय दिवस’, भारतीय सेना ने पाकिस्तान में किया था पहला सर्जिकल स्ट्राइक, ब्रिगेडियर भवानी सिंह ने किया था 10वीं पैरा बटालियन का नेतृत्व, ऐतिहासिक जीत के लिए भवानी सिंह हुए महावीर चक्र से सम्मानित
 

Chachro Raid by India against Pakistan, Diya Kumari remembers father

छाछरो विजय दिवस: पुत्री दिया कुमारी ने किया ‘ब्रिगेडियर’ पिता भवानी सिंह को याद

जयपुर।

देश के सशस्त्र सेना झंडा दिवस के साथ ही आज छाछरो विजय दिवस भी है। 49 वर्ष पहले आज ही के दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए छाछरो कस्बे पर विजय पताका फहराया था। ख़ास बात ये है कि भारत ने ये ऐतिहासिक जीत में जयपुर के पूर्व राजघराने के दिवंगत नरेश महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर भवानी सिंह के नेतृत्व में पाई थी।
पुत्री दिया ने किया पिता को याद
जयपुर के पूर्व राजपरिवार सदस्य व राजसमंद से भाजपा सांसद दिया कुमारी ने आज छाछरो दिवस के अवसर पर अपने पिता ब्रिगेडियर भवानी सिंह को याद किया। उन्होंने ट्वीट सन्देश में लिखा, ‘7 दिसंबर 1971 की तारीख़ इतिहास में भारतीय सेना के अदम्य साहस और शौर्य गाथा की गवाह है। छाछरो दिवस, 10वीं पैरा बटालियन की स्वर्णिम गौरवगाथा है जिसे आज भी प्रत्येक भारतीय गर्व से याद करता है।‘
ब्रिगेडियर भवानी सिंह की भूमिका को याद करते हुए सांसद ने लिखा, ‘49 साल पहले आज के ही दिन मेरे पिताजी ब्रिगेडियर स्वर्गीय महाराजा सवाई भवानी सिंह जी के नेतृत्व में 10वीं पैरा बटालियन ने पाकिस्तान के छाछरो कस्बे पर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी, जिसके लिए पिताजी को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। इस इतिहास के निर्माण में सहभागी रहे सभी 10वीं पैरा बटालियन के योद्धाओं को कोटिशः नमन।’
https://twitter.com/KumariDiya/status/1335771555561762817?ref_src=twsrc%5Etfw
https://twitter.com/KumariDiya/status/1335771570820681735?ref_src=twsrc%5Etfw
जयपुर के लिए गर्व के पल
छाछरो विजय के बाद ब्रिगेडियर भवानी सिंह के शौर्य के चर्चे पूरे देशभर में होने लगे थे। इस जीत के बाद जयपुर आने पर शहर में भव्य स्वागत भी हुआ था। उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। दशकों तक जयपुर के सिटी पैलेस में 7 दिसम्बर को छाछरो दिवस के रूप में मनाया जाता रहा।
छाछरो दिवस- ख़ास बातें
– 7 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान से युद्ध में भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए ‘छाछरो’ फतेह किया था
– पाकिस्तान के सिंध प्रांत के थारपारकर जिले में तहसील मुख्यालय है छाछरो
– बाड़मेर से करीब 160 किलोमीटर और गडरा रोड बॉर्डर से मात्र 70 किलोमीटर दूर है छाछरो
– भारतीय सेना ने पाकिस्तान की करीब 80 किलोमीटर तक की जमीन पर किया था कब्जा
– 16 दिसम्बर 1971 को किस्तान के जनरल नियाजी ने 93 हजार सैनिकों के साथ भारतीय सेना के समक्ष किया था समर्पण
– युद्ध में जयपुर के 12 जवानों समेत राजस्थान के 307 वीर सपूतों ने दी शहादत
– राजस्थान की सीमा पर जयपुर के ब्रिगेडियर भवानी सिंह के नेतृत्व में छाछरो इलाके को जीता गया था
– शिमला समझौते में यह जमीन पाकिस्तान को लौटा दी गई
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो