scriptVIRSA 2019: चहार बैत में बयां हुआ इश्क-ए-मजाजी से इश्क-ए-हकीकी का सफर | chahar bait : musical journey of Ishq-e-Hayaki and Ishq-e-Majaji | Patrika News

VIRSA 2019: चहार बैत में बयां हुआ इश्क-ए-मजाजी से इश्क-ए-हकीकी का सफर

locationजयपुरPublished: Jul 19, 2019 11:51:11 pm

Submitted by:

Suresh Yadav

जवाहर कला केंद्र में आयोजित किए जा रहे विरसा समारोह का। इस दौरान लुप्त होती चहार बैत कला के माध्यम से कलाकारों ने दिलकश अंदाज में सूफियाना व देशभक्ति कलामों को अपने तरन्नुम में पिरोकर समां बांध दिया।

VIRSA 2019 musical evening in jaipur

VIRSA 2019 musical evening in jaipur

जयपुर।

VIRSA 2019: ‘हर तरफ तीरे नजर का मैं निशाना हो गया, मुझको शौहरत क्या मिली दुश्मन जमाना हो गया…,’ ‘मुस्करा कर किसने देखा मुझको चिलमन के करीब, गिर पड़ी बिजली तड़प कर दिल की धड़कन के करीब…,;’ (musical journy) जैसे अशआरों से टोंक और भोपाल के कलाकारों ने इश्क-ए-हकीकी और इश्क-ए-मजाजी (Ishq-e-Hayaki and Ishq-e-Majaji) से सफर को चहार बैत में ढालकर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। मौका था, जवाहर कला केंद्र में आयोजित किए जा रहे विरसा समारोह (VIRSA 2019) का। इस दौरान लुप्त होती चहार बैत कला (chahar bait art) के माध्यम से कलाकारों ने दिलकश अंदाज में सूफियाना व देशभक्ति कलामों को अपने तरन्नुम में पिरोकर समां बांध दिया। कार्यक्रम का आगाज हम्द और नात शरीफ से हुआ।
टोंक (tonk) के इकबाल मियां एवं ग्रुप ने ‘बे नियाज अव्वलो आखिर खुदा तू ही तो है…,’ के बाद मतला और मकता के शेरों को पेश किया। उन्होंने ‘हर तरफ तीरे नजर का मैं निशाना हो गया, मुझको क्या शोहरत मिली दुश्मन जमाना हो गया…’ चाहर बैत के पहले शेर को पेश किया, जिसे उन्होंने मतला कहा, उसके बाद कलाकारों ने चार पक्तियों में अन्य शेर कहे, जिसे उन्होंने मकता कहा, फिर गीत की तरह पहला शेर वापस पढ़कर पार्टियों ने एक चाहर बैत को मुकम्मल करते हुए आगे के अशआरों को पेश किया। इसमें उस्ताद मोहम्मद आसिफ के अलावा वजीर मोहम्मद, खलीफा मोहम्मद बासित, गुडडू महराब, अब्दुल जब्बार आदि ने अपनी इस पुरानी कला (art) को जीवंत (alive) किया।
मुस्करा (smile) कर किसने देखा मुझको चिलमन के करीब

इस मौके पर भोपाल (Bhopal) के मोहम्मद मुख्तियार एवं ग्रुप ने शुरूआत में नात के जरिए अपनी कला का प्रदर्शन किया। उन्होंने ‘हबीब-ए-हक शफी यह हुस्न…,’ पेशकर सूफियाना और आशिकाना कलाम पेश किए। उन्होंने आशिकाना कलाम ‘मुस्करा कर किसने देखा मुझको चिलमन के करीब, गिर पड़ी बिजली तड़प कर दिल की धड़कन के करीब…, से दर्शकों की वाह-वाही लूटी। संचालन उद्घोषिका सालेहा गाजी ने किया।
पत्रवाचन एवं दास्तांगोई (story telling) कार्यक्रम आज

जवाहर कला केंद्र (JKK) के अतिरिक्त महानिदेशक फुरकान खान ने बताया कि विरसा समारोह (VIRSA 2019 festival) के तहत शनिवार को शाम 7 बजे पत्रवाचन और दास्तांगोई का आयोजन किया जाएगा। जिसमें कानपुर के दयानंद गल्र्स पीजी कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. हिना अफ्शा कदीम दौर में दास्तांगोई विषय पर पत्रवाचन पेश करेंगी। इसके बाद कलाकार फौजिया दास्तांगो एवं फिरोज खान 50 मिनट की ‘दास्तां-ए-महाभारत (soty of mahabharat)’ पेश करेंगे।
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