भाजपा का मानना हैं कि कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक नियुक्ति पाने वाले नेताओं को मंत्री का दर्जा दिया है। यह संविधान के अनुच्छेद 164 के प्रावधान का सीधा उल्लंघन है। इस अनुच्छेद में साफ है कि राज्यों में मंत्रियों की संख्या विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या के 15 प्रतिशत तक ही हो सकती है। मगर इन्हें दर्जा देने से इस अनुच्छेद का उल्लंघन हो रहा है। दो सौ विधानसभा सीटों के अनुपात में 30 ही मंत्री बनाए जा सकते है।
पार्टी विधायक दल के उप नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार आंतरिक विद्रोह को दबाने के लिए अवैधानिक पदों की रेवड़ियां राजनीतिक नियुक्तियों के माध्यम से बांटने का कुकृत्य कर रही है। इस तरह के निर्णय करके राजस्थान के सरकारी खजाने पर सफेद हाथी बांधने का काम किया जा रहा है। हम कांग्रेस सरकार के इस असंवैधानिक फैसले का अध्ययन कर उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे। राठौड़ ने कहा कि उच्च न्यायालयों व उच्चतम न्यायालय भी अपने विभिन्न निर्णयों में ऐसी नियुक्तियों को संविधान के अनुच्छेद 164 (1ए) के प्रावधान का उल्लंघन बताते हुए अवैध ठहरा चुकी है। मुख्यमंत्री गहलोत बार-बार संविधान के प्रावधानों की अवहेलना कर रहे हैं। हम इसको लेकर लड़ाई लडेंगे।