भुने चने से शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है। चने में आयरन की मात्रा काफी होती है जो शरीर में खून की कमी को दूर करती है। अधिकतर महिलाओं में खून की कमी होती है। इससे बचने के लिए डाइट में भुना चना शामिल करें। चना एनिमिया मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि इसके सेवन से शरीर में खून की कमी नहीं होती है।
आप हर दिन 1 से 2 पाउंड वजन कम करना चाहते हैं, तो आपको एक दिन में कुल कैलोरी की तुलना में 500-100 और कैलोरी जला देना चाहिए। यदि आप रोजाना एक मुट्ठी भुना हुआ चना खाते हैं, तो आप केवल 46-50 कैलोरी का उपभोग करेंगे। इस तरह आप भुना चना खाकर कम कैलोरी खपत करके अपनी भूख को संतुष्ट कर सकते हैं।
गलत लाइफस्टाइल और खानपान के कारण कब्ज की परेशानी अधिक देखने को मिलती है। ऐसे में भुने चने हमें कब्ज से राहत दे सकते हैं। जिस किसी शख्स को कब्ज की समस्या है, तो उसे रोजाना भुने चने खाने चाहिए। भुने चने को खानपान में शामिल करने से कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
यह जानकर आपको कुछ अजीब लगे लेकिन यह सच है कि भुने चने कमर के दर्द में भी राहत देते हैं। कमजोरी के कारण महिलाओं की कमर में दर्द रहता हैं। ऐसी महिलाएं अगर दो मु_ी भुने चने रोजाना खाती हैं तो कमर दर्द में आराम मिलता है। इसकी वजह है कि चनों में प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में होता है जो हमारी मसल्स को रिलैक्स करता है।
भुने चने उच्च रक्तचाप से पीडि़त व्यक्ति के लिए भी फायदेमंद माने जाते हैं। इसकी वजह हैै भुने चने रक्त वाहिकाओं में होने वाले परिवर्तनों को उलटकर और एक अच्छा इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखकर रक्तचाप को कम करने में सहायक होते हैं। उच्च रक्तचाप से पीडि़त व्यक्ति को भुने चने खाने चाहिए।
भुने हुए चने खाने से डायबिटीज से पीडि़त लोगों को भी फायदा मिलता है। भुने चने ग्लूकोज की मात्रा को सोख लेते है जिससे शरीर में शुगर नियंत्रित हो जाती है। डायबिटीज रोगियों को प्रतिदिन भुना हुआ चना खाने से ब्लड शुगर का लेवल कम होता है। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि इनमें फाइबर की मात्रा ज्यादा लेकिन कैलोरी बहुत कम होती है।
चने में फाइटो-ऑस्ट्रोजेन और एंटी-ऑक्सीडेंट्स जैसे फाइटो न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो एस्ट्रोजन के रक्त स्तर को विनियमित करने में सहायक होते हैं, इससे हमारे हार्मोन में बैलेंस बना रहता है। इस वजह से महिलाओं में स्तन कैंसर होने की आशंका भी कम होती है। इसलिए भुने चने खाने चाहिए।