गौरतलब है कि 10 जनवरी को पहले चंद्रग्रहण के बाद 5 जून, 5 जुलाई तथा 30 नवंबर, 20 को चंद्र ग्रहण पड़ेगा। वहीं, 21 जून को सूर्यग्रहण पड़ेगा, जो कि भारत में दिखाई देगा व 14 दिसंबर, 20 को भी सूर्य ग्रहण पड़ेगा, लेकिन यह भारत में नहीं दिखाई देगा।
बिड़ला तारामंडल के सहायक निर्देशक संदीप भट्टाचार्य ने बताया कि खुली आंखों या दूरदर्शी समान दर्पण (दूरबीन) द्वारा इसे देखा जा सकता है। इसका खास फर्क नहीं पड़़ेगा। किसी भी समयावधि में सूर्य ग्रहण के एक महीने या इसके बाद चंद्रग्रहण जरूर होता है। चंद्रमा और पृथ्वी का कक्षीय तल 5 अंश 9 कला डिग्री पर झुके होने के कारण ग्रहण 100 प्रतिशत नहीं होगा। माद्य चंद्र ग्रहण में सूर्य का कुछ प्रकाश पहुंचता है, जिससे पृथ्वी की पूर्णछाया नहीं होती। इस स्थिति को उपछाया कहते हैं।