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जयपुर

मिशन चंद्रयान-2 चलो भारत चांद के पार

भारत अंतरिक्ष में एक और इतिहास रचने की तैयारी कर रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 की दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग होनी है। आपको बता दें 15 जुलाई को क्रायोजेनिक इंजन में लीकेज के चलते लॉन्चिंग को कुछ वक्त पहले ही स्थगित कर दिया गया था।

जयपुरJul 22, 2019 / 02:32 pm

Anand Mani Tripathi

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मिशन चंद्रयान-2 चलो भारत चांद के पार

भारतीय अंतरिक्ष मिशन के लिए मील का पत्थर माने जा रहे मिशन चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग होने में बस कुछ घंटे बाकी रह गए हैं। सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। मिशन का काउंटडाउन चल रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान-2 को उतारेगा।
बता दें कि चांद के इस हिस्से के बारे में दुनिया को ज्यादा जानकारी नहीं है। इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-2 चांद के भौगोलिक वातावरण, खनिज तत्वों, उसके वायुमंडल की बाहरी परत और पानी की उपलब्धता की जानकारी एकत्र करेगा। चंद्रयान-2 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखेगा।
दरअसल, चांद को फतह कर चुके अमेरिका, रूस और चीन ने अभी तक इस जगह पर कदम नहीं रखा है। चंद्रमा के इस भाग के बारे में अभी बहुत जानकारी भी सामने नहीं आ पाई है। भारत के चंद्रयान-1 मिशन के दौरान साउथ पोल में बर्फ के बारे में पता चला था। तभी से चांद के इस हिस्से के प्रति दुनिया के देशों की रूचि जगी है। भारत इस बार के मिशन में साउथ पोल के नजदीक ही अपना यान लैंड करेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि भारत मिशन मून के जरिए दूसरे देशों पर बढ़त हासिल कर लेगा।
कहा जा रहा है कि चंद्रयान-2 के जरिए भारत एक ऐसे अनमोल खजाने की खोज कर सकता है जिससे न केवल अगले करीब 500 साल तक इंसानी ऊर्जा जरूरतें पूरी की जा सकती हैं बल्कि खरबों डॉलर की कमाई भी हो सकती है। चांद से मिलने वाली यह ऊर्जा न केवल सुरक्षित होगी बल्कि तेल, कोयले और परमाणु कचरे से होने वाले प्रदूषण से मुक्त होगी।
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