-20 वर्षों में बदला नजारा बिनोल ग्राम पंचायत क्षेत्र में दो दशक पहले तक हालत इतने बद से बदतर थे कि गांव में पेयजल के लिए ग्रामीणों को हर दिन काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। ग्रामीणों को बावरियों एवं हैंडपंपों के माध्यम से अपनी प्यास बुझाने को विवश होना पड़ता था। इतना ही नहीं, गांव की सड़कें दो दशक पहले तक इतनी खराब थी कि हर गली मोहल्ले में कीचड़ की भरमार रहती थी। इन दो दशकों में गांव पंचायत पेयजल योजना के शुरू होने से हर घर तक पेयजल पहुंच रहा है। साथ ही ग्राम पंचायत क्षेत्र के अधिकांश गांवों को डामरीकृत सड़क से जोड़ दिया गया है। वहीं क्षेत्र में कई जगहों पर सीमेंट सड़क बन चुकी है। हां, अभी भी कुछ ऐसी जरूरते हैं जिसकी ग्रामीणों को दरकार है।
ग्रामीणों का कहना है कि मादड़ी आमेट मार्ग पर चलने वाली रोडवेज और निजी बस अधिकांश सीधी निकल जाती है। ऐसे में साकरोदा चौराहा से बिनोल तक 3 किलोमीटर की आवाजाही ग्रामीणों के लिए परेशानी भरी रहती है। ग्रामीणों ने रूट पर चलने वाली समस्त रोडवेज निजी बसों को वाया बिनोल करके संचालित करने की मांग की है ताकि ग्रामीण यातायात की सुविधाओं से वंचित नहीं रहे।