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#changemaker: चेंजमेकर बनना है तो केवल बुराई करने से काम नहीं चलेगा : जस्टिस टाटिया

locationजयपुरPublished: May 17, 2018 09:58:19 pm

वकीलों से किया स्वच्छ राजनीति के लिए आगे आने का आह्वान

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जयपुर . जनता का राजनीति पर विश्वास नहीं रहा है, इसलिए राजनीति में सुधार जरूरी है। केवल बुराई करके चेंजमेकर नहीं बना जा सकता। स्वच्छ राजनीति के लिए विचार मंथन करना होगा। राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रकाश टाटिया ने गुरुवार को दी बार एसोसिएशन जयपुर की ओर से आयोजित संगोष्ठी में यह आह्वान किया। पत्रिका की ओर से स्वच्छ राजनीति के लिए चलाए जा रहे चेंजमेकर बदलाव के नायक महाअभियान के तहत गुरुवार को जयपुर सहित प्रदेशभर में वकीलों की संगोष्ठियां हुईं।

दी बार एसोसिएशन जयपुर की ओर से यहां आयोजित कार्यक्रम में जस्टिस टाटिया ने कहा कि आज 100-100 करोड़ रुपए में एक एमएलए खरीदने की बात हो रही है, आरोप झूठे होते तो कोई विरोध करने आगे आता। उन्होंने सवाल किया कि क्या हम स्वच्छ राजनीति चाहते हैं या नहीं। इस पर सभी को मनन करना होगा। राजनीति का सीधा संबंध चुनाव से बताते हुए कहा कि वह कौनसी पार्टी है, जहां प्रजातांत्रिक तरीके से नेता का चयन होता है। आज परिवारों के बीच रिश्तों में दरार आ रही है। उन्होंने स्वच्छ राजनीति को सुधार का एकमात्र विकल्प बताते हुए कहा कि इस सोच को आगे बढ़ाना होगा। वकीलों की ओर से कहा गया कि वकील मुखर व्यक्तित्व का धनी होता है, जो स्वच्छ राजनीति के लिए पहले भी आवाज उठाता रहा है और आगे भी आवाज उठा सकता है।
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संगोष्ठी में जयपुर जिला महानगर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार व्यास व मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम लाल सैनी, बार एसोसिएशन अध्यक्ष राजेश कर्नल व महासचिव नरपत सिंह तंवर भी मौजूद थे। इस दौरान स्वच्छ राजनीति के लिए जनभागीदारी बढ़ाने की जरूरत विषय पर दी बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष वीरेन्द्र गोदिका, प्र्रशान्त चतुर्वेदी, राजेश महर्षि व एसोसिएशन के पूर्व महासचिव संजय व्यास सहित अन्य वकीलों ने विचार व्यक्त किए। अंत में वकीलों ने चेंजमेकर की शपथ पूरी करने का संकल्प जाहिर किया और अभियान की सराहना की।
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वकील ही है, जो ला सकते है बदलाव

दी डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन की ओर से हुई संगोष्ठी में मुख्य अतिथि जयपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव सत्यप्रकाश सोनी ने कहा कि संविधान में न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका एक समान नहीं है। क्योंकि कार्यपालिका पर विधायिका का पूर्ण रूप से प्रभाव रहता है। वहीं न्यायपालिका को अलग-थलग कर दिया गया है। वकीलों को नैतिक रूप से मजबूत होने की जरूरत है। इसी तरह वकील राजनीति में बदलाव में एक अहम भूमिका निभा पाएंगे। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुनील शर्मा ने कहा कि वकीलों को राजनीतिक स्वच्छता के कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भागीदारी निभानी होगी। वकील ही है, जो राजनीति को स्वच्छ करने के लिए सक्रिय भूमिका निभा सकता है। एसोसिएशन उपाध्यक्ष अनुपमा चतुर्वेदी, महासचिव गजराज सिंह व हेमन्त सहित अन्य अधिवक्ताओं ने राजनीति के मौजूदा हालात और भविष्य के सफर को लेकर विचार रखे।
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चुनाव के लिए तय हो योग्यता
सांगानेर स्थित कोर्ट परिसर में सांगानेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष तीर्थ नारायण शर्मा ने कहा कि राजनीति में लोग अब सेवा भाव से नहीं, पैसा कमाने के लिए आ रहे हैं। स्वच्छ राजनीति और मजबूत लोकतंत्र के लिए चुनाव लडऩे वालों की योग्यता निर्धारित होनी चाहिए। हालात यह है कि निरक्षर व्यक्ति चुनाव जीत संसद में बैठकर कानून बनाता है, जबकि शिक्षित व्यक्ति उसके बनाए कानून की पालना करता है। इस अवसर पर पूर्व कुलपति प्रो. बी एल वर्मा ने कहा कि सन 2000 में भारत व चीन की जीडीपी संपूर्ण विश्व की पचास प्रतिशत थी, लेकिन गंदी राजनीति के चलते निरंतर गिरती चली गई। चेंजमेकर के इस प्रयास को लेकर सभी अधिवक्ताओं ने पत्रिका का आभार जताया। वकीलों ने राजनीति को स्वच्छ करने की शपथ ली। संगोष्ठी में पूर्व बार अध्यक्ष सुरेंद्र ढाका, प्रकाश तिवाड़ी, हुकमचंद पारीक, हंसराज भहरवाल, विजय कुमार, महासचिव जीतेंद्र सिंह, महावीर सुरेंद्र जैन, पूर्व महासचिव जेपी शर्मा, राजेश पंवालिया, टीकमचंद शर्मा, हेमंत कुमार जैन सहित अन्य अधिवक्तागण मौजूद रहे।
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