बैठक में चेंजमेकर आयुष शर्मा ने कहा कि चुनाव से पहले नेता वादे करते हैं, चुनाव में जीतने के बाद कहीं दिखाई ही नहीं देते। जो जनप्रतिनिधि अपने वादे पूरे नहीं करे, क्षेत्र में काम नहीं करे, उन पर कार्यवाही का भी प्रावधान होना चाहिए। ताकि वे विकास कार्यों के लिए बाध्य हो। वहीं विमल अग्रवाल ने कहा कि जनप्रतिनिधि व्यवस्थित विकास की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। आजादी के बाद 70 वर्षों से हर विधायक सड़क बनाने ही अपनी ऊर्जा और कोष खर्च कर रहा है। सड़क बनने के कुछ ही दिन बाद पेयजल, सीवर लाइन डालने के नाम पर तोड़ दी जाती है। फिर से जनप्रतिनिधि सड़क ही बनवाते हैं। ऐसे में न तो सड़के ही ठीक हो पा रही हैं और न ही शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास हो रहा है। अगर विकास योजनाबद्ध तरीके से सुव्यवस्थित किया जाए तो क्षेत्र में सड़के भी बनेगी, स्कूल-कॉलेज भी और अस्पताल भी।
बैठक में इनकी रही भागीदारी
मेघना कंवर, आयुष शर्मा, हेमलता पारीक, सौरभ शर्मा, स्नेहलता भारद्वाज, तरुण शर्मा, नरेश चंद शर्मा, दिलीप शर्मा, गणेश कुमार सैनी, प्रताप सिंह राठौड़, शैलेश भार्गव, नितेश शर्मा, विमल अग्रवाल, देवकी नंदन भारद्वाज, नितेश शर्मा, देवाशीष गुर्जर, भरत गुर्जर सहित अन्य लोगों ने भाग लिया।
मेघना कंवर, आयुष शर्मा, हेमलता पारीक, सौरभ शर्मा, स्नेहलता भारद्वाज, तरुण शर्मा, नरेश चंद शर्मा, दिलीप शर्मा, गणेश कुमार सैनी, प्रताप सिंह राठौड़, शैलेश भार्गव, नितेश शर्मा, विमल अग्रवाल, देवकी नंदन भारद्वाज, नितेश शर्मा, देवाशीष गुर्जर, भरत गुर्जर सहित अन्य लोगों ने भाग लिया।
यह है चेंजमेकर महाभियान
राजनीति में स्वच्छता के विचार के साथ 4 अप्रैल को शुरू हुआ चेंजमेकर अभियान जमीनी गतिविधियों के दौर में प्रवेश कर चुका है। राजस्थान,मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में शुरू हुई वोटिंग प्रक्रिया में चेंजमेकर्स को पसंद करने वाले मतदाताओं की संख्या सात लाख के पार चली गई है।
राजनीति में स्वच्छता के विचार के साथ 4 अप्रैल को शुरू हुआ चेंजमेकर अभियान जमीनी गतिविधियों के दौर में प्रवेश कर चुका है। राजस्थान,मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में शुरू हुई वोटिंग प्रक्रिया में चेंजमेकर्स को पसंद करने वाले मतदाताओं की संख्या सात लाख के पार चली गई है।