अभी आवासीय योजना में डवलपर्स को 80 प्रतिशत खाली भूखंड और 20 प्रतिशत आवास बनाकर बेचने की छूट है। अब भूखंड और आवास दोनों का प्रतिशत 50-50 हो जाएगा। इसके लिए 3बी स्कीम के लिए न्यूनतम योजना का क्षेत्रफल आधा हेक्टेयर से बढ़ाकर 2 हेक्टेयर किया जा रहा है। सरकार ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया है।
अब यह कर रहे संशोधन: योजना में न्यूनतम एरिया बढ़ाकर 20 हजार वर्गमीटर तक होगा। संभाग मुख्यालय जयपुर, जोधपुर, भरतपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर, उदयपुर में न्यूनतम 20 हजार वर्गमीटर और बाकी शहरों में 10 हजार वर्गमीटर की बंदिश। इसमें 50 प्रतिशत भूखंड और 50 प्रतिशत आवास बनाकर बेचना होगा।
दिक्कत यह भी, जिसका समाधान जरूरी… आबादी क्षेत्र में इतनी बड़ी जमीन मिलने की संभावना कम है। ऐसे में दूर एरिया में योजना सृजित करनी होगी। वहां बिकने वाली भूखंड पर निर्माण तय समय पर होगा या नहीं और समय पर आवास बिकेंगे या नहीं, इसकी सुनिश्चितता के लिए मैकेनिज्म नहीं।
यह है 3बी व 3सी स्कीम और इसमें बदलाव…
तो मंत्री की स्वीकृति की बंदिश भी खत्म!
अभी 3सी स्कीम के तहत सृजित होने वाली आवासीय योजना की स्वीकृति के लिए फाइल नगरीय विकास मंत्री तक भेजना अनिवार्य है। यह मामला विधानसभा में भी उठ चुका हैं, जिसमें 3सी स्कीम का दुरुपयोग होने का आरोप लगाया गया था। पॉलिसी में बदलाव को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है।
1. 3सी स्कीम— इसके तहत सृजित होने वाली प्लॉटेड योजना में डवलपर को 80 प्रतिशत भूखंड और बाकी 20 प्रतिशत पर आवास बनाकर बेचने होते हैं।
दिक्कत— डवलपर्स के भूखंड बिक तो जाते हैं, लेकिन वहां निर्धारित समय सीमा में निर्माण नहीं हो रहे। इससे सरकार की लोगों को आशियाना उपलब्ध कराने की मंशा पूरी नहीं हो रही। अब इस स्कीम को खत्म कर रहे हैं।
2. स्कीम 3बी— न्यूनतम 5000 वर्गमीटर जमीन पर योजना सृजित की जा सकती है। योजना में जितने भी भूखंड सृजित किए गए, उन सभी पर मकान बनाकर बेचने की बंदिश।